नर सोच होत नहीं प्रभु सोच तत्काल – श्रीमहंत कमलेशानन्द सरस्वती

हरिद्वार 7 जून 2025 (वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोजानंद)। खड़खड़ी स्थित श्री गंगा भक्ति आश्रम के परमाध्यक्ष त्याग मूर्ति 1008 श्रीमहंत कमलेशानन्द महाराज ने भक्त जनों के बीच उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि मनुष्य के सोचने से कुछ नहीं होता है लेकिन जो प्रभु सोचते है वह तत्काल हो जाता है। जिसके मन में ईश्वर की भक्ति बसी होती है उसका जीवन ईश्वर के आधीन होता है ईश्वर ऐसे भक्तों के लिये सदैव अच्छा सोचते हैं।
अगर इंसान यह सोच रहा है कि उसके करने से और सोचने से सब कुछ हो रहा है तो वह भ्रम में जी रहा है व्यक्ति की पहचान उसके मुख से निकली हुई वाणी से होती है वरना उपदेश तो दीवारों पर भी लिखें मिल जाते हैं किंतु उन उपदेशों को जीवन में धारण करने वाले बिरला ही मिल पाते हैं इसीलिये सब कुछ भगवान हरि की इच्छा पर निर्भर है वह जिसे सद्बुद्धि देते हैं उसमें अच्छे विचार अच्छे संस्कार अच्छी सोच दया भाव दान सत्कर्म स्वतः ही आ जाते हैं भगवान हरि का पथ दिखाने वाले गुरुदेव इस कलयुग में भी हमारे मन मस्तिष्क को विकारों से बचा कर रखते हैं उसमें ज्ञान का सृजन कर हमारे भाग्य का उदय कर देते हैं