संविधान दिवस पर चिन्मय महाविद्यालय में एक विचार गोष्ठी का आयोजन

प्रधान संपादक कमल मिश्रा

हरिद्वार। चिन्मय डिग्री कॉलेज में संविधान दिवस के अवसर पर एक गोष्ठी कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें महाविद्यालय के छात्र- छात्राओं ने भारत संविधान के विषय में अपने विचार व्यक्त किए।
विचार गोष्ठी कार्यक्रम की शुरुआत वंदे मातरम् गीत के साथ हुआ।

इस अवसर पर महाविद्यालय की शिक्षिका रागिनी ने कहा कि आज हम सभी लोग इस सभागार में 26 नवंबर संविधान दिवस के उपलक्ष्य में एकत्रित हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह दिवस हमें उस महान क्षण की याद दिलाता है जब वर्ष 1949 में हमारी संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया था। यह वही संविधान है जो हमें एक नागरिक के रूप में अधिकार देता है, कर्तव्य निर्धारित करता है और देश को लोकतांत्रिक मूल्यों पर चलाने की दिशा प्रदान करता है।
हमारा संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं, बल्कि भारत की आत्मा है। इसमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपने, हमारे राष्ट्रनिर्माताओं की दूरदर्शिता और प्रत्येक भारतीय की आकांक्षाएँ समाहित हैं। डॉ. भीमराव आंबेडकर जिन्हें संविधान का शिल्पकार कहा जाता है, जिन्होंने इसे ऐसी संरचना दी है जो न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व पर आधारित है।

महाविद्यालय की छात्रा आस्था शर्मा ने कहा कि भारत का संविधान कोई दस्तावेज नहीं है अपितु यह हमारी नींव है जो हमें न केवल मौलिक अधिकार देता है, बल्कि यह भी याद दिलाता है कि एक जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बनना हमारा परम कर्तव्य है विद्यालयों, महाविद्यालयों और समाज में हम सभी को संविधान के मूल्यों—जैसे समानता, सम्मान, सहिष्णुता और राष्ट्रभक्ति—को अपने आचरण में अपनाना चाहिए।
महाविद्यालय की छात्रा संजना पालीवाल ने कहा कि आज संविधान दिवस के इस पावन दिन को याद करते हुए हम सभीको यह संकल्प लेना चाहिए कि— हम राष्ट्र की एकता और अखंडता को सर्वोपरि रखेंगे, हम अपने अधिकारों के साथ अपने कर्तव्यों का भी ईमानदारी से पालन करेंगे और हम एक ऐसे भारत के निर्माण में योगदान देंगे जो विकसित, सशक्त और संवेदनशील हो।

इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ आलोक अग्रवाल ने सभी को संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम सभी को संविधान को अपने जीवन में उतारते हुए अपने कर्तव्यों के प्रति निष्ठावान रहना चाहिए। हमारे देश की प्रगति हमारे संविधान में है।

कार्यक्रम के अंत में चिन्मय शैक्षिक समिति के सचिव आलोक शुक्ला ने महाविद्यालय के सभी छात्र छात्राओं और कर्मचारियों को संविधान दिवस की बधाई देते हुए कहा कि हम सभी को अपने अधिकारों ओर कर्तव्यों को भलीभांति समझना होगा तभी हमारा देश प्रगति कर सकता है।
इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉ पी के शर्मा, डॉ मनीषा, प्रो0 आनंद शंकर सिंह, डायरेक्टर एसएफएस डॉ मधु शर्मा, डॉ ओम कांत, डॉ संतोष, डॉ दीपिका उपाध्याय, डॉ निधि चौहान , डॉ ज्योति चौधरी, प्रणिता भट्ट, रेणु टंडन, अंकुर चौहान, कृतिका चौधरी, मुस्कान, अमरपाल, राजवीर, राजेश कश्यप, राजू कुमार, किशनपाल, कुनाल, कमल मिश्रा आदि उपस्थित रहे।




