कमल मिश्रा
ऋषिकेश 7 अप्रैल। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने आज विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर ’पहला सुख निरोग काया’ का संदेश दिया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती महराज ने कहा कि महाकवि कालिदास जी ने अपने महाकाव्य ‘कुमारसम्भव’ में लिखा है – ‘शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम्’ अर्थात् शरीर ही धर्म का प्रथम, उत्तम और श्रेष्ठ साधन है। शरीर ही सभी कर्तव्यों और कार्यों को पूर्ण करने का एकमात्र साधन है इसलिए शरीर को स्वस्थ रखना अत्यंत आवश्यक है। इस अनमोल शरीर को स्वस्थ व निरोगी रखना हमारा प्रथम कर्तव्य भी है। ‘पहला सुख निरोगी काया’ यह स्वस्थ रहने का मूल-मंत्र है। हमें ’मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार’ के साथ ’प्रकृति का स्वास्थ्य मेरा कर्तव्य’ को भी अंगीकार करना होगा क्योंकि पर्यावरण स्वस्थ तो हम भी स्वस्थ और मस्त।
स्वामी जी ने कहा कि शरीर के माध्यम से ही वास्तविक धर्म, ईश्वर व जीवन के वास्तविक लक्ष्य तक हम पहुँच सकते हंै इसलिए हमारे शास्त्रों में मानव शरीर की महिमा बतायी गई है। अच्छा स्वास्थ्य ईश्वर द्वारा हमें दिया गया एक अनमोल उपहार है और स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है अतः इसे स्वस्थ और रोगमुक्त रखना हमारा परम कर्तव्य है। उन्हांेने कहा कि सेहत अच्छी तो बाकी सब अच्छा इसलिये हमारा कर्तव्य है कि हम अपने शरीर को स्वस्थ रखें अन्यथा जीवन में किसी भी चीज पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएंगे।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि स्वस्थ रहने के लिये जरूरी है स्वच्छ, पोषक और संतुलित आहार, तनाव मुक्त जीवनशैली, पर्याप्त नींद, प्रतिदिन योग और ध्यान तथा मानिसक रूप से स्वस्थ रहना और भी आवश्यक है। अपने प्रतिदिन के भोजन में फल, सब्जियां, साबुत अनाज, प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ आदि संतुलित भोजन और पोषक तत्वों को शामिल करना जरूरी है। तनाव युक्त जीवन से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है जिससे बीमारियां हो सकती हैं इसलिये योग और ध्यान के साथ स्वस्थ जीवन जियंे।
स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन है और योग स्वस्थ रहने की उत्तम विधा है, योग हमें प्रकृति से भी जोड़ता। पूरे विश्व में सद्भाव, समृद्धि, उत्तम स्वास्थ्य, विकास और शांति के प्रसार का सबसे बेहतर माध्यम है योग। योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को सृदढ़ बनाता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी सबल बनाता है और शरीर, मन और मस्तिष्क में असीम ऊर्जा और उत्साह का संचार कराता है। अगर नियमित रूप से योग अभ्यास किया जाए तो स्वास्थ्य की सभी समस्याओं को दूर किया जा सकता है। वर्तमान समय की हमारी बदलती जीवन शैली में योग करना अनिवार्य हो गया है। योग एक विज्ञान है और स्वस्थ जीवन जीने का माध्यम भी है इसलिये पूरे विश्व को इससे परिचित कराना अत्यंत आवश्यक है।
विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन, ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस और हार्पिक वल्र्ड टॉयलेट कॉलेज के द्वारा परमार्थ विद्या मंदिर में एक दिवसीय हैल्थ जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विद्यार्थियों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के साथ ही साबुन और डेटॉल हैंड सैनिटाइजर वितरित किये गये। डॉ. संकेत मोतियान ने विद्यार्थियों को स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करते हुये स्वस्थ जीवन शैली की आदतों पर बहुमूल्य अंतर्दृष्टि डाली।