भक्ति, भक्त और भगवान के बीच का सेतु है, सतगुरु इस पृथ्वी लोक पर हमारे सच्चे मार्गदर्शक – आनंदमयी साधना मां
हरिद्वार 28 मार्च 2025 (वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोजानन्द) श्री माधव आश्रम धमार्थ ट्रस्ट रजि कनखल हरिद्वार की संचालिका अध्यक्षा परम पूज्य गुरु मां आनंदमयी साधना मां ने भक्तजनों के बीच अपने श्री मुख से उद्गार व्यक्त करते हुए कहा भक्ति भक्त और भगवान के बीच का सेतु है जो भक्त गुरु के बताये मार्ग पर चलकर सत्य से अपने जीवन का निर्वहन करते हैं उनका सदैव कल्याण होता है दान दया धर्म सत्कर्म और सत्संग इस पृथ्वी लोक पर मानव के उध्दार का मार्ग है जिसके मन में भक्ति का रस हिलोरे मार रहा हो उसके लिये सुख सुविधा संपत्ति कोई मायने नहीं रखती भक्ति और सत्संग वह मार्ग है जो सीधे भगवान श्री हरि के चरणों तक पहुंचता है धर्म कर्म दान सत्कर्म हमारे लोक एवम परलोक दोनों को सुधार देता है जब भगवान राम का नाम लिखने से समुद्र में पत्थर तैर सकते हैं तो राम नाम की गाथा गाने से यह मानव जीवन भी सार्थक हो सकता है किंतु भक्ति मार्ग और भक्ति का सही ज्ञान देने वाले सतगुरु का मार्गदर्शन होना भी जीवन में नितांत आवश्यक है जब इस धरती पर भगवान श्री राम अवतरित हुए थे तो उन्हें भी अपने कुलगुरु श्री विश्वामित्र जी के मार्गदर्शन की आवश्यकता पड़ी थी सतगुरु इस पृथ्वी लोक पर साक्षात ईश्वर के प्रतिनिधि के रूप में अवतरित होते हैं और ऐसी ही परम प्रतापी विद्वान संत थी ब्रह्मलीन श्री श्री गुरु मां आनंदमयी कविता मां महाराज उन्हीं के द्वारा दिया गये ज्ञान एवम मार्गदर्शन से हम भक्तों का मार्गदर्शन करते हैं सब सतगुरु देव के चरणों का प्रताप है हम तो उन्हीं के बताये मार्ग पर चलते हैं सतगुरु के ज्ञान का प्रताप आज भी आश्रम में तथा भक्तजनों के बीच में सुख शांति समृद्धि के रूप में विद्यमान है