भेल सेक्टर-4 स्थित प्राचीन शिव हनुमान मंदिर के नव-निर्मित प्रवेश द्वार का हुआ लोकार्पण
पहले से ही है दो अन्य मार्ग, मध्य मार्ग पर मंदिर का मुख्य द्वार खुलने से मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ होने से लग सकता है वाहनों का जाम, भेल प्रशासन को रखना होगा इसका ध्यान


उत्तराखंड उवाच ब्यूरो
हरिद्वार। बीएचईएल उपनगरी के सेक्टर – 4 स्थित प्राचीन शिव हनुमान मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण और श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुये यह सराहनीय कदम कम है। नगर प्रशासन विभाग द्वारा बनाये गये मध्य मार्ग पर नए प्रवेश द्वार का विधिवत लोकार्पण बीएचईएल हरिद्वार के महाप्रबंधक एवं प्रमुख रंजन कुमार ने किया । वहीं मध्य मार्ग पर रास्ता खोलने से भीड़ बढ़ने पर यातायात पर जो असर पड़ने वाला है उसका नही रखा ख्याल। यातायात में बाधा से नहीं किया जा सकता इनकार।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए रंजन कुमार ने कहा कि मंदिर परिसर में निर्मित यह द्वार केवल एक संरचना मात्र नहीं है, बल्कि यह मंदिर में आने वाले सभी श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और सुगम आवागमन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है । उन्होंने कहा कि बीएचईएल ने सदैव ही सामाजिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों को सुदृढ़ करने की दिशा में प्रयास किया है और यह नया प्रवेश द्वार भी इसी समरसता की भावना का प्रतीक है । भेल के इस कार्य से अन्य धार्मिक संरचना को भी भेल प्रबंधन के इस कार्य का लाभ मिल सकता है
महाप्रबंधक (मानव संसाधन) एवं संरक्षक मंदिर समिति संतोष कुमार गुप्ता ने कहा कि इस नए प्रवेश द्वार के माध्यम से, मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को आवागमन का एक और विकल्प प्राप्त हुआ है । मंदिर के लिए पूर्व में भी दो गेट खुले बताये गए। उन्होंने बताया कि इस नए गेट के बनने से मंदिर परिसर सीधा मुख्य मार्ग से जुड़ गया है जिससे मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी बढ़ोत्तरी होगी ।
नगर प्रशासक एवं संपदा अधिकारी संजय पंवार के द्वारा किये इस क्षेत्र में धार्मिक, सामाजिक और सामुदायिक स्थलो के विकास के लिये भविष्य में भी इस प्रकार के जनहितकारी कार्यों को प्राथिमिकता दी जायेगी । अन्य धर्मो के धार्मिक स्थलों को लाभ मिलेगा साथ ही इन्होनें यह भी कहा कि यह कदम श्रद्धालुओं की सुविधा को बढ़ाने और मंदिर परिसर की समग्र व्यवस्था को बेहतर बनाने कि दिशा में महत्त्वपूर्ण सिद्ध होगा ।
इस अवसर पर वरिष्ठ अधिकारी, नगर प्रशासन विभाग के कर्मचारी, मंदिर प्रबंधन समिति के पदाधिकारी एवं क्षेत्रवासी आदि उपस्थित रहे ।


