आस्था

इच्छाओं का त्याग ही वैराग्य है – महामंडलेश्वर ललितानन्द गिरि महाराज

 

हरिद्वार (वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोजानन्द )।  भक्तों के बीच अमृत  की वर्षा करते हुए  महामंडलेश्वर  ललितानन्द गिरि  महाराज ने कहा कि  इच्छाओं से मुक्त होना मोक्ष की और बढ़ना है और इच्छाओं को त्याग देना ही वैराग्य है और इच्छाओं को पहचान लेना ही ज्ञान है और मनुष्य की इच्छाओं का बढ़ जाना ही मृत्यु है।

यही अटल सत्य है जिसका जन्म हुआ है उसकी मृत्यु भी एक दिन निश्चित है इसलिये समाज कल्याण एवम परमार्थ के कुछ ऐसे कार्य करो जिससे तुम्हें लोग इस लोक से चले जाने के बाद भी सदियों तक याद रख सके हरि भजन में जो मन का संतोष है वह कहीं और नहीं हरि भजन से मनुष्य की लालसाओं तथा आवश्यकताओं पर स्वतः ही विराम लग जाता है

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