हरिद्वार

हार्ट की हेल्थ सही रखने के लिए जरूरी है स्ट्रेस मैनेजमेंट- डॉ राजीव अग्रवाल

प्रधान संपादक कमल मिश्रा 

हरिद्वार: भागदौड़ भरी जिंदगी में हार्ट के स्वास्थ्य पर तनाव के हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं. “वह ब्रोकन हार्ट से मर गई”, ये शब्द अब सिर्फ कोई पोएट्री नहीं है, बल्कि एक मेडिकल रियलिटी है. हालांकि, अच्छी बात ये है कि ऐसे उदाहरण कम ही हैं. जो लोग व्यक्तिगत या नौकरी के तनाव, अवसाद, या किसी करीबी के नुकसान का अनुभव करने वाले, विशेष रूप से पति या पत्नी, उनमें दिल का दौरा पड़ने की संभावना लगभग दो गुना अधिक होती है.

दिल पर तनाव के बुरे प्रभाव कैसे हो सकते हैं, इसके बारे में अलग-अलग थ्योरी हैं, जिसमें मस्तिष्क चेतावनी गतिविधि और हार्मोन में वृद्धि के साथ एक जन्मजात “फाइट या फ्लाइट रिस्पॉन्स” शामिल है. इससे तेज नाड़ी और ब्लड प्रेशर, अधिक सांस लेने और यहां तक कि इम्यूनिटी भी कम हो सकती है. तनाव के कारण इलेक्ट्रिकल रिदम की गड़बड़ी भी पैदा हो सकती है, जो घातक हो सकती है.

तनाव को पिन करना बेहद मुश्किल है, मापना मुश्किल है, यहां तक कि इसे परिभाषित करना भी मुश्किल है. यह मॉडर्न लाइफ से तनाव से अलग है. कुछ लोग लगातार ज्यादा दबाव की स्थितियों में हो सकते हैं, फिर भी बेफिक्र रहते हैं, यह दर्शाता है कि तनाव हमारी अपनी प्रतिक्रिया के कारण होता है. यदि आप दबाव का आनंद लेना बंद कर देते हैं, तो यह चिंता करने, विराम लेने और शायद अपने जीवन को फिर से संतुलित करने का समय है.

मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल साकेत नई दिल्ली में कार्डियोलॉजी के प्रिंसिपल डायरेक्टर डॉक्टर राजीव अग्रवाल ने बताया,”हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, धूम्रपान, मोटापा और व्यायाम की कमी जैसे पारंपरिक जोखिम कारक खराब लाइफस्टाइल से संबंधित हैं, लेकिन इनके कारण कम ही दिल के दौरे के मामले सामने आते हैं. कई बार हम खुद तनाव पैदा करते हैं जो कोरोनरी-प्रोन बिहेवियर पर असर डालते हैं. ज्यादा क्रोध, शत्रुता, आक्रामकता, समय की तात्कालिकता, बेवजह प्रतिस्पर्धा और काम के साथ व्यस्तता जैसे खतरनाक लक्षण, जिन्हें अक्सर टाइप ए व्यक्तित्व या कोरोनरी-प्रोन बिहेवियर कहा जाता है, को स्वस्थ लाइफस्टाइल के लिए कम किया जाना चाहिए. नींद के पैटर्न भी मायने रखते हैं. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने स्वस्थ जीवन शैली के एक आवश्यक घटक के रूप में 6-8 घंटे की अच्छी गुणवत्ता वाली नींद को मान्यता दी है.”

योग, ध्यान, बायो-फीडबैक और रिक्रिएशन जैसी चीजों के सहारे बिना मेडिकल हस्तक्षेप के राहत पाई जा सकती है. एक क्वालिफाइड योग ट्रेनर या लाइफस्टाइल कोच प्राणायाम और अन्य आसनों की सही तकनीक सिखा सकता है, शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है, इसके अलावा हृदय गति और ब्लड प्रेशर को कम कर सकता है और हार्ट डिजीज से बचा सकता है.

हालांकि हृदय रोग विशेषज्ञ आमतौर पर तनाव को कम करने के लिए रोट एडवाइस की सलाह देते हैं. कई रोगियों को औपचारिक हृदय पुनर्वास कार्यक्रम की आवश्यकता हो सकती है, खासकर दिल के दौरे के बाद, डर, भय और अवसाद को दूर करने के लिए. मनोचिकित्सकों और क्लिनिकल मनोवैज्ञानिकों की सलाह से तंबाकू और शराब की लत छुड़ाने में मदद मिलती है और तनाव को मैनेज किया जाता है.

डॉक्टर राजीव ने आगे कहा, “प्रभावी तनाव मैनेजमेंट में काम और जीवन में यथार्थवादी लक्ष्य रखने से तनावपूर्ण स्थितियों से बचना, रोजाना 30 मिनट व्यायाम करना, फलों, सब्जियों और साबुत अनाज से भरपूर स्वस्थ आहार खाना, धूम्रपान रोकना और शराब का सेवन सीमित करना शामिल है. डाउन-टाइम, ध्यान, प्रार्थना, पढ़ना, योग और अन्य विश्राम तकनीकों के माध्यम से तनाव को मैनेज किया जाता है. परिवार और दोस्तों के साथ संबंध बनाना और भावनाओं को व्यक्त करना भी इसमें फायदेमंद है. डॉक्टर को दिखाना भी इसमें काफी अहम है. जबकि कई लोग तनाव की समस्या के लिए डॉक्टर को दिखाने में संकोच करते हैं. काम और जीवन को बैलेंस करने, दिमाग की शांति और स्वस्थ हार्ट के लिए प्रॉपर स्ट्रेस मैनेजमेंट जरूरी है.”

ज्यादातर लोग सहज रूप से अपने स्वास्थ्य के लिए तनाव मैनेजमेंट के महत्व को पहचानते हैं लेकिन अक्सर इसके बारे में केवल बाते करते हैं. तनाव से बचाव के लिए अच्छी हेल्थ एक्टिविटी जरूरी है. ऐसा करने से आप ‘भाग्यशाली’ लोगों में से एक होंगे और दिल की बीमारियों से बच जाएंगे. इनकम की होड़ में हमें ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस का भी ध्यान रखना चाहिए.

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