
हरिद्वार (वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोजानंद) ।खड़खड़ी में अपने श्रीमुख से उद्गार व्यक्त करते हुए अनंत विभूषित 1008 महामंडलेश्वर परम पूज्य श्याम दास जी महाराज ने कहा सिर्फ स्थिर मन से ही ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है जब भगवान मनुष्य की परीक्षा लेते हैं तब वह मनुष्य के सामर्थ को भी बढा देते हैं ताकि वह अधिक बुद्धिमान और ताकतवर बन परीक्षा का सही ढंग से प्रतिभागी बन सके।
उन्होंने कहा कि सफलता का पहला मंत्र खुद को व्यस्त नहीं व्यवस्थित कीजिए और खुश रहने का सीधा सा मंत्र है कौन क्या कर रहा है कैसे कर रहा है क्यों कर रहा है इससे आप जितना दूर रहेंगे अपने मन की शांति के उतने ही करीब रहेंगे तन बिगड़ने वाले भोजन और मन बिगड़ने वाले विचारों से सदैव दूर रहे हरि भजन करो और मस्त रहो यही जीवन का मूल मंत्र है महामंडलेश्वर परम पूज्य श्याम दास जी महाराज ने कहा जो भगवान राम की आराधना में लीन रहते हैं उन्हें किसी के झमेलो से कोई मतलब नहीं होता वह तो राम भजन में लीन रहते हैं राम ही सूरत राम ही मूरत राम सकल संसार रे तुझ में राम मुझे में राम इस सृष्टि के कण कण में राम राम भरोसे नैया मेरी अब भव पार लगावे राम ढाई अक्षर के राम शब्द में संपूर्ण ब्रह्माण्ड समाया है राम ही युक्ति राम ही मुक्ति राम ही सूरत राम ही मूरत राम बने मझदार रे राम ही नैया राम ही नाभिक राम लगावे पार रे