स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर उत्तराखंड की महिलायें बन रही हैं आत्मनिर्भर
मातृ शक्ति के बिना किसी भी समाज अथवा राष्ट्र का विकास संभव नहीं- मुख्यमंत्री धामी
कमल मिश्रा
रुद्रपुर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को रूद्रपुर में आयोजित नारीशक्ति वन्दन महोत्सव में उमड़े जनसैलाब में उपस्थित मातृशक्ति का आभार व्यक्त कर सभी को आगामी उत्तरायणी पर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने विभिन्न महिला समूहों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का भी निरीक्षण किया। अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को धरातल पर उतारने का कार्य हो रहा है, वहीं मातृ शक्ति की प्रतिभा और कौशल से देश व दुनिया को परिचित कराने का कार्य भी किया जा रहा है। उत्तराखंड राज्य के निर्माण में मातृ शक्ति द्वारा दिए गए योगदान को कभी नहीं भुलाया नहीं जा सकता, मातृ शक्ति के सहयोग के बिना किसी भी समाज या किसी भी राष्ट्र का संपूर्ण विकास नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में भी महिलाओं ने बढ़ चढ़कर प्रतिभाग किया था। आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर का उद्घाटन के अवसर पर उन्होंने मातृ शक्ति का आवाह्न किया कि इस शुभ अवसर पर राम दीपोत्सव पर्व मनाने के लिए लोगों को जागरूक करने के प्रयास किये जाएं। 22 जनवरी को हर घर दीप जले, हर मंदिर में भगवान राम का गुणगान किया जाए। यह सम्पूर्ण देश के लिये गर्व की बात है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में जो काम हो रहे हैं वे नए भारत की शानदार तस्वीर प्रस्तुत करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने महिलाओं को ’’सुविधा के साथ सुरक्षा भी’’ का सिद्धांत अपनाकर महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव किए हैं। आज गांव-गांव में महिलाओं को घर, शौचालय, गैस, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से जोड़ा गया। उन्होंने कहा कि बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, टीकाकरण और अन्य आवश्यक जरूरतों पर भी सरकार पूरी संवेदनशीलता से काम कर रही है। आज देशभर में स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं, उत्तराखंड में भी महिला स्वयं सहायता समूहों की बहनों ने प्रत्येक क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया है। वर्तमान में देश में लगभग 70 लाख स्वयं सहायता समूह हैं, जिनसे लगभग 8 करोड़ बहनें जुड़ी है, पिछले 6-7 सालों के दौरान स्वयं सहायता समूहों में तीन गुना से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। उत्तराखंड में भी महिला स्वयं सहायता समूहों ने प्रत्येक क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के मार्गदर्शन में हम भी अपने प्रदेश में महिलाओं को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसी प्रक्रिया के अंतर्गत राज्य में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ ही ’‘मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना‘’, ’’मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना’’, ’’लखपति दीदी योजना’’, ’’मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना’’, ’’नंदा गौरा मातृ वंदना योजना’’ और ’’महिला पोषण अभियान’’ जैसी योजनाएं प्रारंभ की हैं। उन्होंने कहा कि हमने एक ओर जहां उत्तराखंड में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया, वहीं धर्मांतरण रोकने के लिए भी कानून बनाया। प्रदेश में पहली बार लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई की गई। वहीं भ्रष्टाचारियों के खिलाफ भी पहली बार कार्रवाई करने से हम पीछे नहीं हटे।
कार्यक्रम को केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्री अजय भट्ट, जनपद के प्रभारी मंत्री गणेश जोशी एवं क्षेत्रीय विधायक शिव अरोरा ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, जिलाध्यक्ष कमल जिन्दल, गुँजन सुखीजा, कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत, डीआईजी कुमाऊँ योगेंद्र रावत, जिलाधिकारी उदय राज सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी सहित अन्य अधिकारी व जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।