प्रधान संपादक कमल मिश्रा
हरिद्वार। अवधूत मण्डल आश्रम मे ब्रह्मलीन महामण्डलेश्वर हँसप्रकाश जी महाराज के एकादश निर्वाण दिवस पर हनुमान कथा का का तीसरा दिन प्रांरम्भ हुआ कथा व्यास अरविन्द भाई ओझा ने कथा करते हुए हनुमान जन्म के आगे का वर्णन किया। उन्होंने कहा की हनुमान जी ने अपने बचपन से ही संसार के कल्याण का मार्ग दुनिया को दिखा है।
कथा मे मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री उत्तराखण्ड सरकार डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा की अवधूत मण्डल देश के अनेक स्थानो पर धर्म और राष्ट्र की सेवा कर रहा है और जब एक और देश में भव्य राम मन्दिर की प्राणप्रतिष्ठा होने जा रही है और राम लाला अपने घर में विराजमान होने जा रहे है ऐसे में माँ गंगा के तट पर हनुमान कथा का अपना विशेष महत्व है क्योकी हनुमान जी भगवान राम को सब से प्यारे है साथ ही अग्रवाल ने कहा की बाईस जनवरी को सभी अपने अपने घरो में दिवाली माना कर भगवान राम का स्वागत करे।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर ललितानंद गिरी महाराज एवं महंत भारत माता मंदिर ने कहा कि हनुमान जी अजर और अमर है जो की सारे विश्व का कल्याण करते है जो भी भक्त सच्चे मन से हनुमान जी की आराधना करता है वे सदा ही उनकी रक्षा करते है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम सप्ताह के मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को भारत में सनातन धर्म का की सबसे बड़ा अध्याय जुड़ने वाला है।
महामण्डलेश्वर रूपेन्द्र प्रकाश ने कहा की ये आयोजन विश्व कल्याण के लिए रखा गया है और आज की कथा सभी कार सेवको को समर्पित की गई है
कथा में संचालन करते हुए संजीव चौधरी ने कहा की कथा मे की अमृत वर्षा हो रही है और आज के युग में हनुमान कथा अपने आप मे सब से बड़ी धार्मिक कथा है। कथा मे मुख्य रूप से महामण्डलेश्वर अनंतानन्द आरआरएस प्रांत प्रचारक शैलेंद्र, राज्य मंत्री उत्तराखण्ड सरकार विनय रोहिला, जिला अध्यक्ष भाजपा संदीप गोयल, जिला पंचायत अध्यक्ष किरन चौधरी, प्रदेश महामंत्री संगठन भाजपा अजय कुमार, राष्ट्रीय मंत्री अशोक तिवारी प्रांत संगठन मंत्री, विहीप अजय आर्य प्रदेश अध्यक्ष भाजपा ओबीसी मोर्चा राकेश गिरी रहे रागिनी गुप्ता रजना चतुर्वेदी दीपिका धिमान गौरव विश्वास सक्सेना जगदीश लाल पाहवा सांसद प्रतिनिधि प्रमोद कुमार, नरेश रानी गर्ग, गोरी गर्ग, अमित सेनी पुष्पेन्द्र गुप्ता आदि अनेक लोग उपस्थित रहे
आज के यजमान समाज सेवी डॉ विशाल गर्ग रहे