हरिद्वार

नाथ संप्रदाय को उसका  मान सम्मान दिलाना ही प्रमुख उद्देश्य – संजीवन नाथ महाराज

हरिद्वार ।(वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोजानन्द)

श्री गुरु गोरखनाथ जी महाराज के आशीर्वाद से और उनके दिशा निर्देश के मार्गदर्शन के अनुरूप श्री गुरु गोरखनाथ अलग-अलग अखाड़े की स्थापना  2021  में की गई थी जो कि अब  धीरे-धीरे बढ़ रहा है। श्री गुरु गोरखनाथ  अखाड़े ने 2024 में एक नए अध्याय की शुरुआत करते हुए पूर्ण रूप से एवं सुचारु रूप से प्रचलित और प्रसारित किया गया।

इसका मुख्य उद्देश्य नाथ संप्रदाय को उसकी हक दिलाना मान सम्मान दिलाना और हाथ संप्रदाय को एक संपूर्ण अखाड़े के रूप में स्थापित करना है जिसमें शंकर नाथ महाराज जी जयपुर से श्री श्रवण नाथ महाराज जी जयपुर से भरत नाथ महाराज जी जिनका विशेष रूप से हर कार्य में योगदान है भारत नाथ जी महाराज एवं सर्वनाथ महाराज जी के सहयोग के बिना यह कार्य संभव होना शायद मुश्किल होता इसी कड़ी में अखाड़े में महामंडलेश्वर का चुनाव भी शुरू हो गया और एक ही दिन में चार महामंडलेश्वर नियुक्त किए गए जिसमें कानपुर से अरुणा नाथ महाराज, डॉ विजया नाथ महाराज, स्वामी जगदीश प्रजापति महाराज महामंडलेश्वर के पद पर 17 नवंबर 2024 को सम्मानित किया गया। जिसमें यह शपथ दिलाई गई कि वह नाथ संप्रदाय के लिए एक नए अध्यक्ष की शुरुआत करेंगे और नाथ महाराज को मान सम्मान और उनके हक की लड़ाई जरूर मिलकर लड़ेंगे।

नाथ संप्रदाय वैसे ही बहुत पीछे चल रहा है और समाज में जो हीन भावना नाथ को देखकर उत्पन्न होती है उसको दूर करने का प्रयास अलग अखाड़े द्वारा किया जा रहा है और जिसमें काफी सफलता भी अर्जित की है उज्जैन कुंभ से पहले नाथ अखाड़े को एक संपूर्ण अखाड़े का दर्जा दिलाने के लिए कार्य शुरू हो चुका है जो बहुत ही जल्द संपूर्ण भी होगा जब सभी तेरा अखाड़े को नाथ संप्रदाय के साथ नहीं जोड़ा जाता और कुंभ में सभी को स्थान मिलता है तो नाथ संप्रदाय को क्यों नहीं यह लड़ाई समाज से नहीं हमारे अपने आप से कि हम इस दोषपूर्ण भावना को दूर करें और केवल अपने तक सीमित न होकर देश-विदेश में भी एक सम्मान की स्थिति उत्पन्न करें और नाथ जी को सम्मान देने मैं सहायक भूमिका निभाई जिससे आने वाली पीढ़ियां इस कार्य को एक सम्मान की दृष्टि से देखें और योगो से चली आई परंपरा एक नई परंपरा की ओर अग्रसर हो अखाड़े की उन्नति और उसमें शामिल होने हेतु दान सत कर्म व अन्य कार्यों हेतु  संजीवन नाथ महाराज से संपर्क कर सकते हैं ।

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