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सतगुरु के पावन वचनों की भव्यता और दिव्यता, सार्थकता के साथ-साथ मनुष्य जीवन का करती है उद्धार   महामंडलेश्वर स्वामी शिव प्रेमानन्द 

 

हरिद्वार 23 जनवरी 2025 (वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोज मनोजानन्द)। प्रयागराज महाकुंभ में श्री निजात्म प्रेम धाम की शंकराचार्य मार्ग स्थित छावनी में अपने श्री मुख से उद्गार व्यक्त करते हुए महामंडलेश्वर 1008  स्वामी शिव प्रेमानन्द महाराज ने कहा सतगुरु इस पृथ्वी लोक पर पावन गंगा के सामान तन मन को तर्पित करने वाले अपने कल्याणकारी वचनों से हमारे मानव जीवन को उद्धार का मार्ग प्रदान करने वाले हमारे सच्चे मार्गदर्शक होते हैं।

गुरु देव धर्म कर्म पूजा पाठ यज्ञ अनुष्ठान जैसे सत्य कर्मों के माध्यम से हमारे जीवन को सार्थकता प्रदान करते हैं  गुरुदेव महामंडलेश्वर 1008 स्वामी गुरु प्रेमानन्द जी महाराज प्रेम मूर्ति महाराज ने इस पृथ्वी लोक पर धर्म ज्ञान एवं प्रेम की भक्तों पर वर्षा कर उन्हें धर्म कर्म के माध्यम से कल्याण का मार्ग दिखाया गुरुदेव के द्वारा दिखाया गया मार्ग मनुष्य के जीवन को सार्थकता प्रदान करता है भक्तजन गुरु के कल्याणकारी वचनों की वर्षा में स्नान कर अपने जीवन को कल्याण की ओर अग्रसर करते हुए हरि भजन के माध्यम से अपना लोक एवं परलोक दोनों सुधार लेते हैं सतगुरु ही इस पृथ्वी लोक पर भवसागर पार ले जाने वाली तारणहार नैया है सतगुरु के श्री मुख से निकले एक-एक वचन का बहुत बड़ा महत्व होता है जो उसे अपने जीवन में धारण कर लेता है वह सतगुरु के प्रेम की वर्षा में भीग कर इस तन मन सहित तर्पित हो जाता है इस पृथ्वी लोक पर दो प्रकार की गंगा है एक तो मां भागीरथी है जिनमें स्नान करने मात्र से मनुष्य का तन मन पावन हो जाता है और उसके जन्म-जन्म के पाप नष्ट हो जातेट हैं दूसरी गंगा साधु संत है जिनके मुख से बहने वाली शब्दों की पावन गंगा इस मनुष्य जीवन का उद्धार कर देती श्री निजात्म प्रेम धाम कैंप में 26 जनवरी 2025 को विशाल समष्टि भंडारा परम पूज्य ब्रह्मलीन गुरुदेव स्वामी गुरु प्रेमानन्द जी महाराज प्रेम मूर्ति जी के पावन सानिध्य में आयोजित किया जा रहा है जिसमें संत महापुरुषों के श्री मुख से बहेगी ज्ञान की गंगा जिसमें गोते लगाकर भक्त अपने जीवन को धन्य तथा कृतार्थ करेंगे

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