पौराणिक मान्यताओं के अनुसार नीलेश्वर महादेव मंदिर तथा गौरी शंकर महादेव मंदिर भक्तों की आस्था व मन्नत पूर्ति का रहा है केंद्र। महंत हरिदास महाराज

हरिद्वार( वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोज मनोजानन्द )। श्री नीलेश्वर महादेव मंदिर पर आयोजित विशाल भंडारे के अवसर पर अपने श्रीमुख से उद्गार व्यक्त करते हुए मंदिर के श्रीमहंत हरिदास जी महाराज ने कहा पौराणिक मान्यताओं के अनुसार श्री नीलेश्वर महादेव मंदिर तथा गौरी शंकर महादेव मंदिर भक्तों की आस्था तथा मन्नत पूर्ति का केंद्र रहा है पुरानी प्राचीन मान्यताओं के अनुसार भगवान भोलेनाथ की बारात इसी मार्ग से होकर आयी व गयी थी। श्री नीलेश्वर महादेव मंदिर पर भगवान भोलेनाथ की बारात आते हुए विश्राम हेतु रुकी थी तथा वापसी में विवाह के बाद जाते हुए भगवान भोलेनाथ की बारात माता पार्वती के साथ गौरी शंकर महादेव मंदिर में कुछ पल के लिए रुकी थी पुरानी पौराणिक मान्यताओं में विल्व पर्वत का हमारे पावन ग्रंथों में जिक्र आता श्री गौरी शंकर महादेव मंदिर इसी पर्वतमाला की पिछली तिलहटी में बना हुआ है नीलेश्वर महादेव मंदिर तपस्वी साधु संतों की तपोस्थली रहा है तपस्वी गुरुदेवो का तपो
बल आज भी श्रीगौरी शंकर महादेव मंदिर तथा श्री नीलेश्वर महादेव मंदिर में विद्यमान है जो भी भक्त सच्चे मन से सच्ची आस्था लेकर मंदिर में माथा टेकता है उसके जीवन के सभी कष्ट संताप समाप्त हो जाते हैं भगवान भोलेनाथ की कृपा से उसे मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं उन भक्तों के घरों में धन-धान्य की कोई कमी नहीं रहती इस अवसर पर अनेको आश्रमों से आये साधु संत महापुरुषों ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया इस अवसर पर भोलेनाथ की कृपा से भंडारे का आयोजन कराने वाले श्री विशाल गुप्ता आर्य नगर श्रीमती अदिति श्रीमती पदम गुप्ता श्री संदीप गुप्ता श्रीमती पदमा गुप्ता प्रदीप गुप्ता श्रीमती रिचा गुप्ता सच्चा गुप्ता अदिति गुप्ता लक्ष्मी शन्नी देव गुप्ता स्नेहा गुप्ता चैतन्य गुप्ता मृदु गुप्ता स्वाति गुप्ता सहित अनेकों परिवारजन इस अवसर पर उपस्थित थे सभी ने श्री नीलेश्वर महादेव के पावन दर्शन कर साधु संतों को भंडारे में भोजन प्रसाद ग्रहण कराया इस अवसर पर श्री अवतार सिंह कोतवाल रामदास महाराज धर्मदास महाराज श्री सीताराम दास महाराज सहित अनेकों संत महापुरुष उपस्थित थे