अमृतव की धारा में स्नान करने निकले अवधूतों ने धर्म एवं जगत को किया मंदमुग्ध

हरिद्वार /प्रयागराज 3 फरवरी 2025( वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोजानंद) ।
प्रयागराज की धरती पर आजकल अवधूतो सन्यासियों बैरागियों तथा अन्य संप्रदाय के संत महापुरुषों के पावन डेरे लगे हुए हैं जहां कदम कदम पर धर्म की अलख जगाई जा रही है। प्रयागराज के सेक्टर 22 में तथा सेक्टर 24 में हमारे संवाददाता ने देखा रंग-बिरंगे ध्वज लगाये सुसज्जित रथो में सवार अवधूत कहे जाने वाले सन्यास परंपरा से जुड़े सन्यासी सवार थे जिन्हें देखकर देवत्व दर्शन प्राप्त होने का अनुभव प्राप्त हो रहा था इसी क्रम में रथ पर सवार जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर परम पूज्य 1008 श्री श्री संजय गिरी महाराज का पावन रथ त्रिवेणी में स्नान करने हेतु भक्तजनों की भारी भीड़ के साथ शाही में दिखाई दिया महाराज जी के श्री मुख से आशीर्वाद प्राप्त करने की लालसा जागी तो महाराज जी के निकट जाने पर महामंडलेश्वर श्री संजय गिरी जी महाराज ने कहा जो जा रहा है मानो आ रहा है और जो आ रहा है मानो जा रहा है इस बात का रहस्य मन की गथती में उलझ कर रह गया कुछ और अधिक जानने की जिज्ञासा महाराज जी के समक्ष प्रस्तुत की तो महाराज जी ने कहा यह संसार आवागमन का मार्ग है एक जा रहा है और दूसरा आ रहा है यह सिलसिला हमेशा चलता रहता है त्रिवेणी की पावन धारा में अमृत बह रहा है उसमें गोते लगाकर अपने जीवन को धन्य बना लो यह मानव शरीर 84 लाख योनियों को पार करने के बाद प्राप्त होता है धर्म कर्म संत महापुरुषों के पावन वचन यज्ञ अनुष्ठान कथा पाठ पूजा यही मनुष्य जीवन को सार्थक करने की कुंजी है इस समय विश्व के कोने-कोने से संतो के रूप में अवधूत देव किन्नर और गंधर्व के साथ-साथ माता पार्वती भगवान भोलेनाथ और भगवान गणेश भगवान कार्तिकेय इस नगरी में साक्षात आये हुए हैं अपनी आंखों से उन्हें निहार लो वरना उन्हें देखने के लिए उनके निकट होने का अनुभव एहसास करने के लियें बरसों तपस्या करनी पड़ेगी ज्ञान की गंगा बह रही है इसमें गोते लगा लो और इस मानव जीवन को सार्थक कर लो यही सच्चाई है और यही जीवन की सार्थकता है