हरिद्वार

ईश्वर की भक्ति सतगुरु का सानिध्य भवसागर पार होने की युक्ति – श्रीमहंत रघुवीर दास महाराज 

 

हरिद्वार 15 मार्च 2025 (वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोजानन्द)।श्री सुदर्शन आश्रम अखाड़े में भक्तजनों के बीच अपने श्रीमुख से उद्गार व्यक्त करते हुए आश्रम के परमाध्यक्ष  श्रीमहंत रघुवीर दास महाराज ने कहा ईश्वर की भक्ति और सतगुरु का सानिध्य इस पृथ्वी लोक पर हमारे कल्याण का मार्ग है जो सतगुरु के बतायें मार्ग पर चलते हैं वह सदैव कल्याण को प्राप्त होते हैं ज्ञान और ईश्वर भक्ति हमारे जीवन की एक ऐसी निधि है जिसे हमसे कोई बांट नहीं सकता अगर हमारे ज्ञान प्राप्त करने की क्षमता अच्छी है तो हम विश्व में सबसे श्रेष्ठ हो सकते हैं और अगर हमारी ईश्वर भक्ति निश्चल है तो पलक झपकते ही ईश्वर के दर्शन होने के साथ-साथ भवसागर पार हो सकते हैं सतगुरु द्वारा दिया गया ज्ञान एक ऐसी नैया है जो हमारे जन्मो जन्म के पुण्यों का उदय कर हमारे मानव जीवन को सार्थक करते हुए सतगुरु के वचन हमें भवसागर पार कराते हैं ।

इस पृथ्वी पर जीवन और मृत्यु सिर्फ दो ही बातें अटल सत्य है जन्म के समय मनुष्य मिठाई बनता है खुशियां मनाता है मिठाई बांटते हैं और मृत्यु के समय 13वीं में लड्डू बनाते हैं खीर बनाते हैं पकवान बनते हैं अवसर दोनों वही होते हैं मनुष्य सिर्फ खाने का अवसर ढूंढता है जो आया जन्म हुआ तब उसे खाने नहीं मिला और जब गया तो जो खीर पकवान लड्डू बनाये गये वह उसे खाने नहीं मिले तब भी दूसरे खा गयेऔर अब भी दूसरे खा गये ऐसे पकवानों क लजीज वयजनों का क्या फायदा जो ना देखने मिले ना खाने मिले तो हे भक्तजनों जो परलोकवासी हो जाता है वह स्मृति मात्र रह जाता है स्मृतियां केवल हमारी यादों में जिंदा रहती है इसलिये जो भी करना है इस जीवन के रहते करें किसी की सेवा करनी है किसी को अच्छे-अच्छे पकवान खिलाने हैं तो इस जीवन के रहते करें जो बाद में इस जीवन के चले जाने के बाद करेंगे वह तो सब सांसारिक होगा रीति रिवाज होंगे किंतु जब खाने वाला आपके सामने है तो उसे उस समय खिलाईये अपने परिजनों की सेवा समय रहते करें अपने गुरुजनों की सेवा समय रहते करें उनकी स्मृति में करने वाला सब कार्य निमित्त मात्र होगा वह आपके बीच नहीं होंगे आप उन्हें खाता नहीं देख सकेंगे इसलिये अपने ज्ञान चक्षु खोलें और समय रहते जागे इस लोक से चले जाने के बाद मनुष्य के साथ उसके अच्छे बुरे कर्म जाते हैं और ईश्वर भक्ति जाती है बाकी सब चीजें कमाया हुआ धन संपत्ति वस्त्र नाम सब यहीं रह और जाता है इसलिये अगर परलोक को सार्थक करने के लियें भक्ति करें भजन करें दान सत्कर्म करें राम नाम की नैना ही भवसागर पार करावेगी और इस जीवन को सार्थक करने के लियें भी भगवान राम की भक्ति करें वही भक्ति आपके जीवन में सुख शांति समृद्धि और खुशियों की वर्षा करेगी

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