अपने कर्मों की गठरी के बोझ तले दबने के बाद भी एक झूठ को छिपाने के लियें सौ और झूठ बोलता है इंसान – श्रीमहंत कमलेशानन्द सरस्वती
हरिद्वार (वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोज मनोजानंद)। भूपतवाला स्थित श्री गंगा भक्ति आश्रम के परमाध्यक्ष परम तपस्वी विद्वान संत ज्ञान मूर्ति श्री महंत कमलेशानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा इस कलयुग में किसी से अच्छे कर्मों की आशा करना व्यर्थ है यदि लोग आपके लिए गड्ढे खोद रहे हैं तो आप उसमें पौधे लगाइये और बैठकर उनके फलों का आनंद लीजिये क्योंकि इस कलयुग के करयुग भाग में जैसे को तैसा चाहिये बोलना सभी को आता है परंतु किसी की जुबान बोलते हैं तो किसी की नियत बोलती है किसी का समय बोलता है तो किसी का पैसा बोलता है तो किसी का दबदबा बोलता है और जिंदगी के अंत में ईश्वर के दरबार में उनका हर कर्म बोलता है इन सब के बीच जीवन में किया गया हरि का भजन भी बोलता है कि इसने अपने जीवन में क्या किया अपना मानव जीवन विभिन्न लालसा लालच तेरा मेरा के चलते व्यर्थ किया या हरि भजन कर अपने जीवन को सार्थक किया इस कलयुग में कर्मों का फल भोगने के लियें आपको अगले जन्म की आवश्यकता नहीं इधर कर उधर भर वाली स्थिति कलयुग के करयुग भाग में होती है इन सबके बीच मनुष्य को यह ध्यान रखना चाहिये कि मनुष्य का कर्तव्य ही उसका धर्म है और उसके मन में दूसरों के प्रति बसा प्रेम और सद्भावना ही ईश्वर है सेवा ही पूजा है और सत्य ही भक्ति है जो मनुष्य जीवन में इन बातों का ध्यान रखना है उसका मानव जीवन सार्थक हो जाता है ।
वह कलयुग के प्रभाव से बचा रहता है और जो इन बातों का ध्यान नहीं रखना उसका मानव जीवन व्यर्थ हो जाता है राम भक्ति वह नैया है जो हमें भवसागर पार करावायेगी और सत्य ही वह डगर है जो हमें हरि से मिलवायेगी इसी बीच जिस प्रकार एक व्यापारी कच्चे लालच के लिये किसी सामान में मिलावट कर देता है इसी प्रकार झूठ लालच वह निधि है जो मनुष्य को अच्छे कर्मों से दूर करती है इसलिये झूठ लालच लालसा के बीज को अपने मन में रोपित न होने दें हर इंसान में ईश्वर का स्वरूप देखें वही मार्ग भक्ति मार्ग यही मार्ग कल्याण मार्ग इसमें दान सत्कर्म आपको और अधिक प्रबल कर देते हैं और पलक झपकते ही गुरु की कृपा से आप भगवान की शरण में पहुंच जाते हैं