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कांवड़ यात्रा भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक तरीका -श्रीमहंत बिष्णु दास महाराज

श्रवण झा 

हरिद्वार। श्रीगुरू सेवक निवास उछाली आश्रम में कॉवड़ियों के लिए जारी सेवा शिविर में मंगलवार को अत्यधिक काॅवड़ियों ने प्रसाद ग्रहण किये। इसके साथ ही 12जुलाई से प्रारम्भ हुए कॉवड़ सेवा एवं भण्डारा शिविर का मंगलवार को समापन हो गया। श्री गुरूसेवक निवास उछाली आश्रम परमाध्यक्ष महंत बिष्णु दास ने कहा कि कांवड़ यात्रा भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक तरीका है। श्रद्वालु गंगाजल से शिवलिंग का जलाभिषेक करके अपनी मनोकामनाएं पूरी करते हैं और पापों से मुक्ति पाते हैं। उछाली आश्रम का पहला प्रयास यहां आने वाले शिवभक्तों की यथासंभव सेवा है। सेवा शिविर में प्रतिदिन हजारों शिवभक्तों को प्रसाद भोजन एव चाय ंनाश्ता,पानी नियमित रूप से उपलब्ध कराया गया। गंतव्य की ओर प्रस्थान करने वाले शिवभक्तों को शुभकामनाएं देते हुए श्री गुरू सेवक निवास उछाली आश्रम परमाध्यक्ष श्रीमहंत बिष्णु दास महाराज ने कहा कि सभी शिवभक्त सकुशल अपने अपने नजदीक के शिवालय में जलाभिषेक करे,यही माॅ गंगा से कामना है। उन्होने कहा कि कहा कि श्रावण मास में करोड़ों शिवभक्त तीर्थनगरी से गंगाजल लेकर विभिन्न प्रांतों में स्थित विभिन्न शिवालयों में जलाभिषेक करते है। सनातन धर्म को मजबूत करने में जुटे शिवभक्तांेे की सेवा बहुत पूण्यदायी व सराहनीय है। महंत बिष्णु दास ने कहा कि कांवड़ सेवा का महत्व भगवान शिव के प्रति भक्ति और समर्पण का प्रतीक है। बताया कि श्रावण के महीने में कावड़ियों की सेवा का बहुत महत्व है। कावड़ियों की सेवा करके, भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। श्रावण मास में कावड़ियों की सेवा करने का अवसर एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण अवसर है,जो हमें भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का माध्यम प्रदान करता है। इस सेवा के माध्यम से हम न केवल अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करते हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन और सेवा की भावना को भी बढ़ावा देते हैं। शिविर संचालन में सहयोग करने वालों में महंत प्रेमदास, महंत सीताराम दास,महंत कन्हैया दास,पुनीत दास जी,राजाराम,गगन बापूरिया,सुभाष चंदवानी, सुरेश खेड़ा,अशोक हलुवाई,हर्षित आहूजा ,गिरधारी लाल आदि शामिल रहे।

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