भक्तों पर ज्ञान की वर्षा करने वाले ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर श्री स्वामी सुरेंद्र मुनी की पुण्यतिथि मनाई गई धूमधाम से
हरिद्वार 22 जनवरी 2025( वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोज मनोजानन्द )। श्री अवधूत जगत राम उदासीन आश्रम कनखल में परम पूज्य गुरुदेव ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर 1008 स्वामी सुरेंद्र मुनि जी अवधूत महाराज की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर एक विशाल संत समागम आश्रम में आयोजित किया गया सभी संत महापुरुषों ने ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर की समाधि की स्थापना हेतु नींव रखी इस अवसर पर बोलते हुए निर्मल संतपुरा के महंत जगजीत सिंह महाराज ने कहा सतगुरु से बड़ा और सच्चा पथ दर्शक जीवन में कोई और हो ही नहीं सकता सतगुरु हमें सत्संग धर्म कर्म के माध्यम से सत्य की राह दिखाते हैं भजनगढ़ के महंत मोहन सिंह महाराज ने कहा सतगुरु का पावन सानिध्य तथा उनके वचनों की पावनता हमारे भाग्य का उदय कर देती है बड़ा उदासीन अखाड़ा कनखल के सचिव महंत गोविंद दास महाराज ने कहा महामंडलेश्वर स्वामी सुरेंद्र मुनि महाराज इस पृथ्वी लोक पर ज्ञान का एक विशाल सूर्य थे उनकी प्रथम पावन पुण्यतिथि पर हम उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए शत-शत नमन करते हैं इस अवसर पर बोलते हुए गुरु राम सेवक उछाली आश्रम के श्री महंत विष्णु दास महाराज ने कहा वे लोग बड़े ही भाग्यशाली होते हैं जिन्हें सतगुरु का सानिध्य प्राप्त होता है सतगुरु इस पृथ्वी लोक पर भक्तों को कल्याण का मार्ग दिखाने हेतु अवतरित होते हैं इस अवसर पर बोलते हुए गंगा भक्ति आश्रम के परमाध्यक्ष श्री महंत कमलेशानन्द महाराज ने कहा सतगुरु के श्री चरणों से मिलने वाले ज्ञान से मनुष्य का भाग्य उदय हो जाता है और उसका लोक एवं परलोक दोनों सुधर जाते हैं इस अवसर पर बोलते हुए महंत श्री तीर्थ सिंह महाराज ने कहा सतगुरु के बिना ज्ञान नहीं और ज्ञान बिना कल्याण नहीं सतगुरु हमारी बुद्धि का संवर्धन करते हुए हमें जीवन कल्याणकारी ज्ञान प्रदान करते हैं जिससे हमारे भाग्य का उदय हो जाता है इस अवसर पर बोलते हुए श्री अवधूत जगत राम उदासीन आश्रम के महंत सुतीक्ष्ण मुनि महाराज ने कहा परम पूज्य गुरुदेव श्री श्री 1008 स्वामी सुरेंद्र मुनि जी महाराज ज्ञान का एक विशाल सागर थे उनके ज्ञान रूपी सरोवर में स्नान कर भक्त अपने जीवन को धन्य तथा कृतार्थ किया करते थे ऐसे सतगुरु के श्री चरणों में हम बारम्बार प्रणाम करते हैं उन्हें शत-शत नमन करते इस अवसर पर बोलते हुए माता सुदेश मुनी महाराज ने कहा जो सच्चे मन से सतगुरु की शरण में आता है भजन कीर्तन सत्संग का आनंद लेता है उसके जीवन की सभी निरर्थकता समाप्त हो जाती है और गुरु की कृपा से उसे सत्य की राह प्राप्त हो जाती है इस पृथ्वी लोक पर सत्य की राह पर चलने वाले सदैव कल्याण को प्राप्त होते हैं इस अवसर पर बोलते हुए महंत स्वामी योगेंद्रानन्द शास्त्री महाराज ने कहा गुरुदेव इस पृथ्वी लोक पर एक विशाल सागर के समान होते हैं जो उनके ज्ञान रूपी सरोवर में स्नान कर लेता है उसका जीवन धन्य हो जाता है इस अवसर पर आयोजित विशाल भंडारे में सभी संत महापुरुषों तथा भक्तजनों ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया इस अवसर पर श्री इंद्रजीत सिंह शास्त्री महाराज महंत कमलेशा नन्द सरस्वती महंत रवि देव वेदांताचार्य महंत दिनेश दास महाराज महामंडलेश्वर प्रेमानंद महाराज महंत जगजीत सिंह महाराज महंत केशवानंद महाराज महंत मोहन सिंह महाराज महंत सूरज दास महाराज महंत विष्णु दास महाराज महंत तीरथ सिंह महाराज पंजाबी बाबा महंत शांति प्रकाश महाराज महंत प्रहलाद दास महाराज महंत प्रमोद दास महंत स्वामी योगेंद्रा नंद शास्त्री महाराज महाराज कोतवाल रामदास महाराज श्याम गिरी महाराज कोतवाल कमल मुनि महाराज सहित बहुत से संत महापुरुष उपस्थित थे