साहित्यहरिद्वार

एसएमजेएन महाविद्यालय में मनाई गई स्वामी विवेकानंद जयंती

आज का युवा विवेकानंद जी की निर्भीकता की इस प्रवृत्ति को अपने जीवन में आत्मसात करें- श्रीमहंत रविन्द्र पुरी

प्रधान संपादक कमल मिश्रा 

हरिद्वार।  एस एम जे एन पी जी कॉलेज  सभागार में युवा दिवस के अवसर पर स्वामी विवेकानंद जी के जयंती पर सांस्कृतिक कार्यक्रम , सड़क सुरक्षा सप्ताह तथा स्वामी विवेकानंद जी के विचारों का स्मरण एवं मचंन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ श्रीमहंत रविन्द्र पुरी जी महाराज अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद , आदेश चौहान, रानीपुर विधायक ,पूर्व प्राचार्य डॉ शिव शंकर जायसवाल, प्राचार्य प्रोफेसर सुनील कुमार बत्रा सी ओ ट्रैफिक राकेश रावत , ट्रेंफिक इंसपेक्टर विकास पुण्डींर, नेहरू युवा केन्द्र के धर्म सिंह रावत के द्वारा मां सरस्वती की वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया ।

इस अवसर पर स्पीकर एस एस जायसवाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि स्वामी विवेकानंद के समस्त विचारों का मूल पूर्व और पश्चिम के बीच संयोजन है उन्होंने कहा कि पश्चिम के पास तकनीक और पूंजी है जबकि भारत के पास धर्म और नैतिकता है यदि पश्चिम की तकनीक का भारत को विकसित करने में प्रयोग किया जा सके और भारत के आध्यात्मिकता का पश्चिम को नैतिकीकरण करने के लिए प्रयोग किया जा सके तो इससे मानवता का कल्याण होगा।

रानीपुर विधायक आदेश चौहान ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचार वर्तमान समय में भी पूर्णतः प्रासंगिक है बल्कि यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा की स्वामी विवेकानंद ने सनातन संस्कृति के पुनरुत्थान में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के श्री महंत रविन्द्र पुरी महाराज ने स्वामी विवेकानंद के जीवन की एक छोटी कहानी के माध्यम से निर्भीकता के विचार को रेखांकित किया उन्होंने कहा कि काशी में प्रवास के दौरान जब स्वामी जी के ऊपर बंदरों का हमला हुआ तो किसी सन्यासी ने नरेंद्र से कहा कि भागो नहीं बल्कि सामना करो इस विचार का स्वामी विवेकानंद जी ने जीवन पर गहरा प्रभाव हुआ। एक सूत्र निर्भीकता और किसी भी विपत्ति का दर्द कर सामना करने की प्रवृत्ति का विकास हुआ आज आवश्यकता इस बात की है कि हमारा युवा निर्भीकता की इस प्रवृत्ति को आत्मसात करें और मुसीबत से मत घबराएँ युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य के लिए और अवसाद और चिंता जैसी बीमारियों से मुक्ति के लिए स्वामी विवेकानंद की निर्भीकता का सूत्र अत्यंत आवश्यक है

इस अवसर पर सीओ राकेश रावत के द्वारा राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा के सप्ताह के अंतर्गत यातायात नियमों की विस्तृत जानकारी दी यातायात पुलिस अधिकारी विकास पुंडीर ने सड़क मार्गों से हो रही दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यातायात नियमों के संकेतो की जानकारी दी

प्राचार्य प्रोफेसर सुनील कुमार बत्रा ने विवेकानंद को याद करते हुए कहा कि विवेक का अर्थ ऐसा फैसला जो सोच समझ कर लिया जाए विवेक कहलाता है और जहां विवेक हो वहां आनंद का वास होता है डॉ बत्रा ने अपने संबोधन में स्वामी विवेकानंद के विचारों को पढ़ने के लिए युवा पीढ़ी को प्रेरित किया उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति साहसपूर्ण तरीके से कह सकता है कि युवा को गीता पढ़ने के साथ साथ फुटबॉल के मैदान में भी दिखना चाहिए । वह शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक तीव्रता के बीच संयोजन चाहता है।

इस अवसर पर नेहरू युवा केंद्र के कार्यक्रम सहायक धर्म सिंह रावत द्वारा विभागीय गतिविधियों की जानकारी दी गई । कार्यक्रम नेहरू युवा केन्द्र एवं एसएमजेएन पी जी कालेज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।

इस अवसर पर छात्र छात्राओं और शिक्षको द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। प्रतिभागियों को महराज जी द्वारा नकद पुरुस्कार तथा मेडल एवं स्मृति चिन्ह से सम्मानित तथा पुरुस्कृत किया गया।

कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति संगीत विभाग की प्रोफेसर डॉ अमिता मलहोत्रा के सानिध्य में संपन्न कराया गया  जिसमे आरती असवाल, कमाक्षा,आरती,गौरव बसंल।

कार्यक्रम के दौरान माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा युवाओं को दिया जा रहा संदेश का सत्ताइसवा राष्ट्रीय युवा महोत्सव का सीधा प्रसारण भी दिखाया गया । कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ संजय माहेश्वरी तथा विनय थपलियाल द्वारा किया गया ।  इस अवसर पर डॉक्टर शिवकुमार चौहान , डॉक्टर मोना शर्मा , आशा शर्मा,पल्लवी शर्मा, मीनाक्षी शर्मा ,डॉ विनीता चौहान, दिव्यांश शर्मा डॉ विजय शर्मा , डा सुगंधा वर्मा, डा लता शर्मा, विनीत सक्सेना, डा पूर्णिमा सुंदरियाल एवं सैकड़ों छात्र छात्राऐं उपस्थित रहें।

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