संत रविदास ने लोगों को बिना भेदभाव के आपस में प्रेम करने की शिक्षा दी:- डॉ हर्ष कुमार
प्रमोद कुमार हरिद्वार
हरिद्वार 22 फरवरी । श्री गुरु रविदास लीला समिति मौ.कडच्छ ज्वालापुर हरिद्वार के 65 वां वार्षिकोत्सव समारोह रंग मंच पर स्थानीय कलाकारो द्वारा बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ.हर्ष कुमार दौलत ब्लाक प्रमुख लक्सर हरिद्वार द्वारा श्री गुरु रविदास लीला के 65वें वार्षिकोत्सव समारोह का फीता काटकर शुभारंभ उद्घाटन किया गया,श्री गुरु रविदास लीला समिति के समस्त सदस्यो एवं समाज के गणमान्य व्यक्तियो ने विशिष्ट अतिथि का माल्यार्पण इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि डॉ.हर्ष कुमार दौलत ने कहा कि संत रविदास का जन्म वाराणसी के पास के एक गांव में हुआ था। रविदास जयंती के दिन संत रविदास जी की पूजा की जाती है, शोभा यात्राएं निकाली जाती हैं और भजन कीर्तन कर उनको याद किया जाता है। उन्हें संत रविदास, गुरु रविदास, रैदास और रोहिदास जैसे कई नामों से जाना जाता है। संत रविदास बेहद धार्मिक स्वभाव के थे। वे भक्तिकालीन संत और महान समाज सुधारक थे। उन्होंने भगवान की भक्ति में समर्पित होने के साथ-साथ अपने सामाजिक और पारिवारिक कर्तव्यों का भी बखूबी निर्वहन किया। संत रविदास जी ने लोगों को बिना भेदभाव के आपस में प्रेम करने की शिक्षा दी और इसी तरह से वे भक्ति के मार्ग पर चलकर संत रविदास कहलाए।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि डॉ.हर्ष कुमार दौलत ने कहा कि संत रविदास का जन्म वाराणसी के पास के एक गांव में हुआ था। रविदास जयंती के दिन संत रविदास जी की पूजा की जाती है, शोभा यात्राएं निकाली जाती हैं और भजन कीर्तन कर उनको याद किया जाता है। उन्हें संत रविदास, गुरु रविदास, रैदास और रोहिदास जैसे कई नामों से जाना जाता है। संत रविदास बेहद धार्मिक स्वभाव के थे। वे भक्तिकालीन संत और महान समाज सुधारक थे। उन्होंने भगवान की भक्ति में समर्पित होने के साथ-साथ अपने सामाजिक और पारिवारिक कर्तव्यों का भी बखूबी निर्वहन किया। संत रविदास जी ने लोगों को बिना भेदभाव के आपस में प्रेम करने की शिक्षा दी और इसी तरह से वे भक्ति के मार्ग पर चलकर संत रविदास कहलाए।
श्री गुरु रविदास लीला समिति के संयोजक रवि प्रकाश ने कहा कि संत रविदास जी अपना अधिकांश समय भगवान की पूजा में लगाते थे और धार्मिक परंपराओं का पालन करते हुए, उन्होंने एक संत का दर्जा प्राप्त किया। ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’ रविदास जी का ये दोहा आज भी प्रसिद्ध है। रविदास जी का कहना था कि शुद्ध मन और निष्ठा के साथ किए काम का हमेशा अच्छा परिणाम मिलता है।
श्री गुरु रविदास लीला समिति के अध्यक्ष श्यामल प्रधान ने कहा कि गुरु रविदास संत एक महान कवि होने के साथ-साथ समाज सुधारक भी थे। उन्होंने अपने जीवन काल में समाज में फैली कई बुराईयों और भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने समाज की उन्नति के लिए कई महत्वपूर्ण योगदान भी दिए हैं जो सराहनीय हैं।
श्री गुरु रविदास लीला समिति रजि. के कार्यक्रम मे मुख्य रूप से रवि प्रकाश संयोजक,अशोक हरदयाल सह संयोजक, श्यामल प्रधान अध्यक्ष,शिव पाल रवि उपाध्यक्ष,योगेंद्र पाल रवि महामंत्री, राजन कुमार कोषाध्यक्ष, अरविन्द नौटियाल उप कोषाध्यक्ष,किरण पाल आडीटर,तीर्थ पाल रवि,अशोक कुमार, देवानंद,डेविड मुखिया,मोदीमल तेगवाल, विजय पाल सिंह,मेहरचंद,जयन्ती भूषण,रमेश भूषण, कमाल सिंह, विशाल मुखिया,कुशल पाल सिंह, आशीष कुमार, किशोर पाल,ब्रजेश कुमार, डॉ. देशराज, विजयपाल, अजय मुखिया ,रक्षक लाम्बा,विनोद कुमार,गोपाल सिंह,योगेश कुमार,पवन दबौड़िए ,दीपांशु, अभिषेक कुमार, अमरदीप, संदीप, महीपाल सिंह, सतीश कुमार, नवीन कुमार आदि सैकड़ो महिलाए पुरूष बच्चे उपस्थित हुए और पुण्य के भागी बने।