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ऋषिकुल विद्यापीठ ब्रह्मचर्य आश्रम संस्कृत महाविद्यालय के सभागार में संस्कृत भारती द्वारा संस्कृत संभाषण शिविर का  किया आयोजन 

ऋषिकुल विद्यापीठ ब्रह्मचर्य आश्रम संस्कृत महाविद्यालय के सभागार में संस्कृत भारती द्वारा संस्कृत संभाषण शिविर का  आयोजन किया गया । ऋषिकुल विद्यापीठ के प्राचार्य डॉ बलदेव प्रसाद चमोली, संस्कृत भारती के विस्तारक संतोष कुमार एवं शिविर संयोजक डॉ नवीन चन्द्र पन्त ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर विधिवत्  रूप से शिविर का उद्घाटन किया।

प्राचार्य डॉ बलदेव प्रसाद चमोली ने कहा कि संस्कृत देवभाषा है संस्कृत सभी भाषाओं की जननी होने के साथ ही वैज्ञानिक भाषा भी है।

वेद, पुराण, उपनिषद, महाकाव्य देवभाषासंस्कृत में ही लिखे गए हैं संस्कृत साहित्य में अपार संभावनाएं हैं संस्कृत को प्रत्येक व्यक्ति को आत्मसात करना चाहिए उन्होंने कहा कि अभ्यास करने से ही संस्कृत भाषा बोलचाल की भाषा बन सकती है।शिविर संचालक संतोष कुमार ने कहा कि संस्कृत विद्यार्थीयों को संस्कृत संभाषण में प्रवीण करने के लिए संस्कृत भारती द्वारा समय-समय पर विभिन्न विद्यालयों महाविद्यालयों, श्वविद्यालयोमें संभाषण शिविर का आयोजन किया जाता है इस परिप्रेक्ष्य में यह शिविर भी संस्कृत विद्यार्थियों के सर्वविद विकासार्थ लगाया गया है।

शिविर संयोजक डॉ नवीन पंत ने बताया कि शिविर आने वाले 20 दिनों तक लगातार चलेगा सभी छात्र वेंचर कर हिस्सा ले रहे हैं शिविर में मुख्य रूप से अंकित जोशी,अभिषेक गैरोला,हिमांशु जोशी,अथर्व शर्मा,सार्थक थापा, रोहित,मृदुल शर्मा,हिमांशु चौहान, सौरभ सकलानी, पीयूष पाठक के साथ ही अन्य छात्र उपस्थित रहे।

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