गुरु दक्षिणा कार्यक्रम में कमल मुनि महाराज को सौंपा गया गया कोतवाल का दायित्व
प्रधान संपादक कमल मिश्रा
हरिद्वार। कनखल स्थित हरे राम आश्रम में कालीचरण महाराज ने महामंडलेश्वर कपिल मुनि महाराज से गुरु दीक्षा प्राप्त की।
इस अवसर पर बोलते हुए महामंडलेश्वर कपिल मुनि महाराज ने कहा कि गुरु और शिष्य की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही परंपरा है। इसी क्रम में साधु संत गुरु शिष्य धर्म का निर्वहन करते हुए अपने शिष्य को दीक्षा देकर संत परम्परा और संत समाज के लिए दक्ष बनाते हैं। ताकि भारतीय संस्कृति की धर्म ध्वजा की पताका यूं ही लहराती रहे।
इस अवसर पर बोलते हुए शौकीदास आश्रम के परमाध्यक्ष महंत गंगा दास ने बताया कि हरिद्वार के अनेक अखाड़े, मठ मंदिर से साधु संत इस दीक्षा कार्यक्रम में पधारे है। इसी अवसर पर हरे राम आश्रम के परमाध्यक्ष कपिल मुनिमहाराज ने कालीचरण महाराज को गुरु दीक्षा दी और साथ ही कई अखाड़ों के संतो को मौजूदगी में उनका नाम कालीचरण महाराज से परिवर्तन कर कमल मुनि महाराज कर दिया गया।
इस अवसर पर हरे राम आश्रम के महंत कृष्णा मुनि महाराज ने बताया कि काफी समय से अखाड़ों में धार्मिक कार्यक्रम व भंडारे का निमंत्रण बांटने हेतु कोतवाल का पद रिक्त चला आ रहा था। जिसके लिए उनको कोतवाल नियुक्त कर यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। आज से कालीचरण महाराज, कमलमुनि महाराज के नाम से जाने जाएंगे। इस अवसर पर कई संतो ने अपने अपने विचार व्यक्त किए ।
इस अवसर पर मुख्य रूप से महामंडलेश्वर शिवानंद, महामंडलेश्वर हरी चेतनानंद महाराज, महामंडलेश्वर प्रबोधानंद महाराज, महंत विनोद गिरी महाराज, महंत सरवन मुनि महाराज, महंत विष्णु दास, उदासीन अखाड़े के महंत कोठारी राघवेंद्र दास, महामंडलेश्वर दुर्गादास, मंहत ज़ुमनदास, महंत प्रेमदास, महंत रविंद्र दास आदि कई अन्य गणमान्य संत मौजूद रहे।