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भक्ति में है बड़ी शक्ति,भगवान स्वयं करते हैं भक्त की सहायता,आचार्य सेमवाल जी महाराज

इमरान देशभक्त 

 रुड़की।ज्योतिष गुरुकुलम् पुरानी तहसील में श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन कथा व्यास आचार्य रमेश जी महाराज ने प्रहलाद की कथा का वर्णन किया,कहा कि भक्त प्रहलाद हिरण्यकशिपु कश्यप पुत्र था।हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु जी का शत्रु था।वह भगवान विष्णु जी को शत्रु मानता था और स्वयं को श्री भगवान सिद्ध कर दिया था,कि मैं ही भगवान हूं मेरी ही पूजा करो।कथा व्यास आचार्य रमेश सेमवाल जी महाराज ने कहा कि भक्त पर भगवान बड़ी कृपा करते हैं।प्रहलाद जी निरंतर नारायण,नारायण मंत्र का जाप करते थे।भगवान विष्णु जी की साधना,उपासना व आराधना किया करते थे।भक्ति में बहुत कष्ट होता है।घर छोड़ना पड़ता है।त्याग करना पड़ता है।सहज रहना पड़ता है।प्रहलाद जी निरंतर भगवान नारायण का जाप करते हैं।हिरण्यकशिपु प्रहलाद जी को विभिन्न प्रकार के कष्ट देता है।उन्हें जेल खाने में डाल देता है।हाथी के नीचे डालता है,लेकिन प्रहलाद जी बच जाते हैं।पर्वतों से गिराया जाता है।कटीले तारों पर चलाया जाता है,लेकिन प्रहलाद जी बच जाते हैं।भगवान नारायण की कृपा से प्रहलाद जी को गुरुकुल में भेजा जाता है,वहां भी वह सभी बच्चों को नारायण मंत्र का जाप सीखाते हैं।सबको कहते हैं कि भगवान विष्णु ही हम सब के देवता व भगवान हैं।हमें निरंतर भगवान की पूजा करनी चाहिए।विष्णु नारायण की पूजा करनी चाहिए।हिरण्यकश्यप होलिका से प्रहलाद जी को जलाना चाहता है,किंतु जब होली का प्रहलाद जी को गोदी में बैठकर जलाना चाहती है तो वह स्वयं जल जाती है।प्रहलाद जी बच जाते हैं।अंत में हिरण्यकश्यप कहता है कि तेरे भगवान कहां है।प्रहलाद जी कहते हैं भगवान जग के कण-कण में विद्यमान हैं।वह कहता क्या इस खंबे में भी हैं।प्रहलाद जी कहते हैं खंभे में भी हैं।हिरण्यकशिपु तलवार निकलता है खंभे पर मारता है तो वहां से भगवान नरसिंह प्रगट होते हैं।भगवान का नरसिंह अवतार प्रहलाद जी की रक्षा के लिए होता है।अकेले भक्त की रक्षा के लिए प्रहलाद जी को बचाने के लिए नरसिंह अवतार होता है।हिरण्यकशिपु को मार डालते हैं।संसार से पाप का नाश करते हैं और अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा करते हैं।भक्ति में बहुत बड़ी शक्ति होती है।भगवान भक्ति से बहुत प्रसन्न होते हैं,इसलिए निरंतर हमें भक्ति करनी चाहिए। कथा में पार्षद जेपी शर्मा,राधा भटनागर,चित्रा गोयल, सुलक्षणा सेमवाल,आरती सेमवाल,राजीव शास्त्री,प्रवीन शास्त्री,इंद्रमणि सेमवाल, परीक्षा,सुनीता,अनीता, प्रभा आदि उपस्थित थे।

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