युग युगांन्तर तक चलता है राम भजन का प्रताप – श्री महंत सूरज दास महाराज
हरिद्वार 19 फरवरी 2025( वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोज मनोजानन्द)
भूपतवाला स्थित सिद्ध संकट मोचन श्री हनुमान मंदिर सीताराम धाम में भक्तजनों के बीच अपने श्री मुख से ज्ञान की वर्षा करते हुए बाल स्वामी महंत श्री सूरज दास महाराज ने कहा मनुष्य द्वारा किये जाने वाले राम भजन का प्रताप युग युगांतर तक चलता है भगवान का भजन और सत्य की संगत इस मानव जीवन को सार्थक कर देती है अच्छी उठ बैठ और शास्त्रों का ज्ञान एक आम आदमी को बड़े विद्वान के रूप में तब्दील कर देते हैं जब-जब इस धरती पर धर्म की हानि होती है जब-जब इस धरती पर पाप बढ़ता है तो पापिया का अंत करने हेतु भगवान इस धरती पर अवतरित होते हैं रावण के आतंक से मुक्ति दिलाने हेतु भगवान श्री राम के रूप में अवतरित हुए ताड़का रावण सहित अनेको दानवो से व उनके आतंक से इस पावन धरा के जनमानस को मुक्ति दी कंश सहित अनेकों दानवों का विनाश करने हेतु भगवान श्री कृष्ण के रूप में अवतरित हुए आम जनमानस को हिरण्यकषिपु के आतंक से मुक्ति दिलाने व भक्त प्रहलाद की रक्षा हेतु भगवान ने नरसिंह अवतार लिया जब जब इस धरती पर पाप बढता है धर्म का विनाश करने वाली शक्तियां बढी है तब तब भक्तों की रक्षा हेतु भगवान अवतरित हुए इस घोर कलयुग में जब पाप अपने अंतिम चरण सीमा को छू रहा होगा तो कलकी अवतार के रूप में पाप के विनाश हेतु भगवान इस धरती पर अवतरित होंगे यह पावन भूमि भारत ईश्वर की जननी पावन भूमि है इसमें एक से एक बड़े सुरमा वीर ने जन्म लिया है एक से बढ़ एक बढ़कर तपस्वी साधु संत ऋषि मुनि हुए हैं एक से बड़ी एक वरागंना हुई है तपस्वी साधु संतों की तपोस्थली भारत भूमि पर जन्म लेने वाले लोग बड़े ही सौभाग्यशाली हैं जो उन्हें इतनी पावन भूमि पर जन्म लेने और वहां और अपना कर्म फल लिखने का अवसर मिला यहां के लोग मेहनत के बल पर अपनी किस्मत लिखते हैं और आध्यात्मिक के जरिये विश्व भर को ज्ञान देकर उन्हें सनातन संस्कृति की झलक दिखलाकर वीर वीरांगनाओं वीरो की पावन भूमि भारत भूमि की गाथा सुनाते हैं उन्हें बताते हैं कि हमारी आस्था में कितनी शक्ति है जिसे लोग पाषाण समझते हैं हम उस पाषाण में भी अपने ईश्वर की अनुभूति करते हैं अपने भगवान राम को देखते हैं माता जानकी को देखते हैं वीर बजरंगबली हनुमान को देखते हैं और हमारे भगवान भी उसी पाषाण से हमारी पुकार सुन प्रकट होकर अपने भक्तों को मानो वांछित फल प्रदान करते हैं धन्य है यह पावन भूमि भारत जहां कदम कदम पर धर्म के डेरे लगते हैं और आस्था के मेले लगते हैं इसलिये भक्तजनों अपने गुरुजनों के बताये मार्ग निर्देशन में चलो गुरुदेव ही उंगली पड़कर भवसागर पार करायेंगे इस पृथ्वी लोक पर सतगुरु ही ईश्वर के प्रतिनिधि वे ही धर्म कर्म के माध्यम से भगवान राम के चरणों तक पहुंचाने का मार्ग दिखायेंगे अगर आप अपना कल्याण चाहते हैं तो इस कलयुग में सत्संग हरि भजन और भगवान राम नाम की नैया ही आपको भवसागर पार लगायेगी