हरिद्वार

कांगड़ी स्थित विश्वशक्ति श्री पीठ में विशाल संत समागम का आयोजन

 

हरिद्वार।  कांगड़ी स्थित विश्वशक्ति श्री पीठ में पांचवा वार्षिक उत्सव भंडारा आयोजित किया गया । इस अवसर पर आयोजित संत समागम में अपने श्री मुख से उद्गार व्यक्त करते हुए शाक्ताचार्य कमलेशानन्द सरस्वती महाराज ने कहा शाक्त मे संपूर्ण सृष्टि का वर्णन सामाय हुआ है और शक्ति से इस सृष्टि की उत्पत्ति हुई है श्री दशमहाविद्या चंडी यज्ञ अनुष्ठानम् श्रीमद् देवी भागवत पुराण परायणम् इस शक्ल संसार की उत्पत्ति माता शक्ति से हुई है और एक दिन उन्हीं के अंश भगवान शिव में समाहित हो जानी है जब एक शाक्त साधक संपूर्ण इच्छा शक्ति के साथ अपनी साधना में लीन रहते हुए मां से इस सृष्टि के कल्याण की कामना करता है तो मां संपूर्ण भाव के साथ अपने उस साधक की पुकार सुनती है भगवती पराशक्ति जगत जननी की पावन कृपा स्वरूप शाकताचार्य स्वामी कमलेशानन्द सरस्वती महाराज ने कहा परम पूज्य आध्यात्मिक गुरुदेव महामंडलेश्वर स्वामी डॉ उमाकान्तानन्द सरस्वती जी महाराज की पावन कृपा अनुसार संत महापुरुषों की गरिमा मय उपस्थित के बीच यह धार्मिक आयोजन संत महापुरुषों की उपस्थिति में और अधिक पावन हो गया मनुष्य द्वारा जीवन में किये गये दान धर्म सत्कर्म परोपकारी कार्य तथा ईश्वर भक्ति भजन सत्संग उसके जीवन को धन्य तथा सार्थक कर देते हैं जब जीवन में गुरु का सानिध्य प्राप्त होता है तो मानना चाहिये कि आपके अच्छे कर्मों का फल प्राप्त हो रहा है इस संसार में मां भगवती की आराधना भगवान हरि की आराधना भगवान भोलेनाथ की आराधना मनुष्य को बड़े ही भाग्य से प्राप्त होती है इसके लिये सतगुरु सबसे बड़े मार्गदर्शक होते हैं जो धर्म कर्म भजन सत्संग के माध्यम से हमारे जीवन को कल्याण की और ले जाते हैं और हमें ईश्वर तक पहुंचाने का मार्ग दिखाते हैं इस कलयुग में सूक्ष्म आराधना से भी मनुष्य अपने इस मानव जीवन को सार्थक कर सकता है जब हमारे जीवन में भक्ति आराधना आती है और सत्संग आता है तो मानो हमारे जन्मों जन्म के पुण्यों का उदय हो रहा है इस अवसर पर बोलते हुए महंत मोहन सिंह महाराज ने कहा सत्संग ही इस संसार में सत्य का मार्ग है जो गुरु चरणों से होते हुए सीधे ईश्वर चरणों तक पहुंचता है महंत सूरज दास महाराज ने कहा जिस पर कृपा राम की हो वह पत्थर भी तर जाते हैं भगवान राम के नाम की महिमा बड़ी ही अपरम्पार है राम ही मूरत राम ही सूरत राम ही पीड़ा राम ही मरहम और राम करे उपचार रे राम नाम किसी भी सूरत में लिया जाये परम कल्याणकारी है।

इस अवसर पर बोलते हुए श्री गंगा भक्ति आश्रम के परमाध्यक्ष 1008 श्री कमलेशानन्द सरस्वती महाराज ने कहा मनुष्य के जीवन में भक्ति और सबर का होना नितांत आवश्यकता है भक्ति हमारे भाग्य का उदय करती है और सबर का फल मीठा होता है माता शबरी ने सबर रखा और उनके सबर ने भगवान राम से मिला दिया इस अवसर पर महामंडलेश्वर ललिता नन्द महाराज, आचार्य गिरीश मिश्रा, महामंडलेश्वर अनंतानन्द महाराज, महंत दुर्गादास महाराज, महंत सुतीक्ष्ण मुनि महाराज महंत कमलेशानन्द सरस्वती महंत रवि देव महाराज महंत सूरज दास महाराज महंत प्रहलाद दास महाराज महंत दिनेश दास महाराज महंत जगजीत सिंह महाराज महंत मस्त गिरी महाराज महंत रजनी गिरी महाराज महंत प्रेमानंद महाराज महंत जगजीत सिंह महाराज महंत गंगा दास उदासीन महाराज महंत तूफान गिरी महाराज महंत शुभम गिरी महाराज महंत कोठारी राघवेंद्र दास महाराज महंत कैलाशानंद महाराज महंत गजेंद्र गिरी नागा बाबा महंत विनोद महाराज महंत केशवानंद महाराज महंत शांति प्रकाश महाराज महंत आचार्य प्रमोद दास महाराज महंत जमुना दास महाराज महंत सीताराम दास महाराज महंत कन्हैया दास महाराज कोतवाल रामदास महाराज कोतवाल धर्मदास महाराज कोतवाल कमल मुनि महाराज कोतवाल रामेश्वर गिरी कोतवाल रमेशानन्द देहरादून बाबा परवीन कश्यप कमल अग्रवाल ठाकुर मनोजानन्द सहित भारी संख्या में संत  और भक्त उपस्थित थे सभी ने आयोजित विशाल भंडारे में भोजन प्रसाद ग्रहण किया

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