राजकीय महाविद्यालय चिन्यालीसौड़ में युवा नागरिकों हेतु वित्तीय शिक्षा पर आधारित “कोना कोना शिक्षा” विषयक दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ
प्रधान संपादक कमल मिश्रा
चिन्यालीसौड़। राजकीय महाविद्यालय चिन्यालीसौड़ में नव-स्थापित वाणिज्य विभाग के द्वारा विद्यार्थियों हेतु वित्तीय शिक्षा, जागरूकता एवं शेयर बाजार तथा प्रतिभूति निवेश पर आधारित कार्यशाला का आयोजन कर अभिनव पहल की गई। महाविद्यालय में वाणिज्य विभाग तथा भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड द्वारा प्रायोजित संस्था राष्ट्रीय प्रतिभूति बाजार संस्थान, मुंबई के संयुक्त तत्वावधान में युवा नागरिकों हेतु वित्तीय शिक्षा पर आधारित “कोना कोना शिक्षा” विषयक दो दिवसीय कार्यशाला के प्रथम दिवस में उद्घाटन सत्र और दो तकनीकी सत्रों का विधिवत आयोजन किया गया।
कार्यशाला का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य एवं कार्यशाला अध्यक्ष प्रो० प्रभात द्विवेदी, एन0आई0एस0एम0 से पधारे मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता श्री राजीव जैन तथा विशिष्ट अतिथि एवं वक्ता श्री जलज जैन द्वारा दीप प्रज्ज्वलन करके हुआ। तत्पश्चात बैज अलंकरण कर अतिथिगणों का स्वागत किया गया।
कार्यशाला संयोजक एवं सूत्रधार वाणिज्य विभाग की प्राध्यापिका डॉ० सुगंधा वर्मा ने छात्र हित में कार्यशाला के सफल आयोजन हेतु अभूतपूर्व सहयोग प्रदान करने के लिए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो० प्रभात द्विवेदी जी को धन्यवाद ज्ञापित किया। साथ ही एन0आई0एस0एम0 से आए मुख्य वक्ता श्री राजीव जैन एवं विशिष्ट वक्ता श्री जलज जैन के प्रति भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि महाविद्यालय में यह प्रथम अवसर है जब वाणिज्य विभाग की ओर से विद्यार्थियों की वित्तीय शिक्षा तथा वित्तीय जागरूकता पर केंद्रित इस प्रकार का कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। उन्होंने वारेन बफेट के बारे में बताते हुए कहा कि वह दुनिया के सबसे सफल निवेशकों में से एक हैं और हाल ही में शेयर बाजार से उन्होंने भारी मुनाफा कमाया है। बफेट की कंपनी बर्कशायर हैथवे ने एक ट्रिलियन डॉलर अर्थात लगभग 82 लाख करोड रुपए के बाजार मूल्य को पार कर लिया है और यह इस स्तर तक पहुंचने वाली पहली गैर तकनीकी अमेरिकी कंपनी बन गई है। बफेट की सफलता से यह स्पष्ट होता है की समझदारी से किया गया दीर्घकालिक निवेश और मजबूत कंपनियों का चयन शेयर बाजार में महत्वपूर्ण लाभ दिला सकता है।
अपने स्वागत संबोधन में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो० प्रभात द्विवेदी जी ने मुख्य अतिथि श्री राजीव जैन तथा विशिष्ट अतिथि श्री जलज जैन को विद्यार्थियों हेतु दुर्गम क्षेत्र में स्वयं उपस्थित होकर इतने महत्वपूर्ण विषय पर जानकारी देने के लिए पधारने पर विशेष धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि दो दिवसीय कार्यशाला में बड़ी संख्या में प्रतिभाग करने वाले विद्यार्थियों का उत्साह, उनकी जिज्ञासा और कुछ नया सीखने की ललक को प्रदर्शित करता है, अतः सभी प्रतिभाग करने वाले विद्यार्थी साधुवाद के पात्र हैं। अपने उद्घाटन भाषण में प्राचार्य प्रो० प्रभात द्विवेदी जी ने कहा कि यह आयोजन न केवल ज्ञानवर्धक है, बल्कि भविष्य के लिए भी नई संभावनाओं के द्वार खोलता है। ज्ञान, नवाचार और सहभागिता के इस संगम से विद्यार्थियों को उनके आने वाले समय के लिए उचित मार्गदर्शन, प्रेरणा और तकनीकी जानकारी प्राप्त हो सकेगी। साथ ही कार्यशाला संयोजक डॉ० सुगंधा वर्मा को भी उक्त कार्यशाला आयोजित करवाने के लिए उन्होंने शुभकामनाएं दीं।
कार्यशाला के सह-संयोजक डॉ अशोक कुमार अग्रवाल ने भी इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन पर बल देते हुए अतिथियों को धन्यवाद प्रेषित किया। उन्होंने कहा कि वित्तीय जानकारी एवं बारीकियों के अभाव में अधिकतर निवेश कर्त्ता अपनी जमा पूंजी गंवा बैठते हैं या धोखाधड़ी के शिकार हो जाते हैं, ऐसे में सही और तथ्यात्मक जानकारी ही एकमात्र बचाव का साधन है जो छात्र जीवन में विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो जाती है।
लगभग 150 से अधिक विद्यार्थियों को दो बैच में विभाजित कर, प्रत्येक बैच के लिए दो अलग अलग तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया।
कार्यशाला के प्रथम तकनीकी सत्र में मुख्य वक्ता एवं विषय विशेषज्ञ श्री राजीव जैन ने बजट बनाने, निवेश की समझ विकसित करने, बचत की आदत अपनाने और निवेश करने से पूर्व तथा निवेश करते वक्त बरती जाने वाली सावधानियों से प्रतिभागियों को प्रभावी रूप से संबंधित जानकारियां दी। इसके साथ-साथ शेयर बाजार का परिचय, उसकी कार्य प्रणाली एवं संरचना संबंधी महत्वपूर्ण पहलू प्रतिभागियों को समझाए।
कार्यशाला के द्वितीय तकनीकी सत्र में विशिष्ट वक्ता एवं तकनीकी विशेषज्ञ श्री जलज जैन ने प्रतिभागियों को शेयर एवं प्रतिभूतियों में जोखिम-लाभ के गहन तथ्यों को समझने, शेयर बाजार संचालन एवं क्रय-विक्रय से संबंधित गहन विषयों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि वित्तीय जागरूकता की कमी के कारण कई युवा अपने करियर के शुरुआती दौर में ही आर्थिक चुनौतियों का सामना करते हैं, यदि छात्र समय रहते निवेश, पोर्टफोलियो एवं प्रतिभूति प्रबंधन जैसी वित्तीय अवधारणाओं को समझ लें तो वह भविष्य में बेहतर वित्तीय निर्णय ले सकते हैं। साथ ही उन्होंने शेयर बाजार में निवेश करने हेतु आवश्यक प्रपत्रों के बारे में बताया और डीमैट खाता खोलने की ऑनलाइन प्रक्रिया से भी अवगत कराया।
कार्यशाला के प्रथम दिवस के समापन पर प्रतिभागी छात्र-छात्राएं अत्यंत ही उत्साहित दिखाई दिए। कार्यशाला के सफल संचालन में डॉ अशोक कुमार अग्रवाल, डॉ कृष्णा डबराल, डॉ बृजेश चौहान एवं संगीता थपलियाल का विशेष योगदान रहा। साथ ही स्वर्ण सिंह, अमीर सिंह, सुनील गैरोला, नरेश चंद, श्रीमती हिमानी रमोला एवं विजयलक्ष्मी ने भी महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया। इस अवसर पर कार्यशाला सह-संयोजक डॉ भूपेश चन्द्र पंत, डॉ प्रभात कुमार सिंह, डॉ आराधना राठौर, डॉ निशी दुबे, डॉ नेहा बिष्ट, डॉ राम चन्द्र नौटियाल उपस्थित रहे।