हरिद्वार

श्रीमहंत सरस्वत्याचार्य सरस्वती जी महाराज की 34 वीं वार्षिक पुण्यतिथि के उपलक्ष में एक विशाल संत समागम का आयोजन

हरिद्वार 2 मई 2025 (वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोजानन्द)। प्रसिद्ध आश्रम श्री सुदर्शन आश्रम अखाड़ा हरिद्वार में परम पूज्य गुरुदेव भगवान आचार्य गुरु पीठाधीश्वर श्रीमहंत सरस्वत्याचार्य सरस्वती जी महाराज की 34 वीं वार्षिक पुण्यतिथि के उपलक्ष में एक विशाल संत समागम, श्री गुरु स्मृति महोत्सव  श्रीमहंत रघुवीर दास महाराज के पावन सानिध्य में आयोजित किया गया ।

इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बाबा हठ योगी महाराज ने कहा गुरु साक्षात ज्ञान का दर्पण होते हैं जो मनुष्य के आचरण और व्यक्तित्व की झलक उसे आईने की तरह दिखाकर उसके संपूर्ण जीवन चक्र को परिवर्तित कर देते हैं धर्म-कर्म के माध्यम से सतगुरु भक्तों को कल्याण का मार्ग दिखा देते  है।

इस अवसर पर बोलते हुए आश्रम के पीठाधीश्वर श्री महंत रघुवीर दास महाराज ने कहा जब कोई मनुष्य गुरु चरणों में आता है तो उसके सद्गुरु उसके जीवन के सभी संताप हर लेते एवम उसे भगवान राम तक पहुंचाने की युक्ति बता देते सतगुरु के पास ईश्वर तक पहुंचाने की युक्ति के साथ-साथ मुक्ति के मार्ग की युक्ति भी होती है। भगवान श्री राम ने मर्यादाओं की सीमा को प्रदर्शित करते हुए सनातन धर्म एवम उसकी परंपराये स्थापित की सनातन संस्कृति के अनुसार गुरु इस पृथ्वी लोक पर ईश्वर की प्रतिमूर्ति है ईश्वर की और जाने वाला मार्ग गुरु श्री चरणों से होकर जाता है सतगुरु के पावन वचन हमारे जीवन की कायाकल्प कर उसमें उच्च संस्कारों को रोपित कर देते हैं।

जिससे हमारी प्रतिभा हमारे संस्कार और हमारे भाग्य का उदय हो जाता है साध्वी गंगादास महाराज ने कहा सतगुरु के श्री चरणों में सच्चा आनंद है सतगुरु की कृपा से हमारी बुद्धि और मस्तिष्क का विकास होकर हमारे भाग्य का उदय हो जाता है गुरु साक्षात पार ब्रह्म है इस अवसर पर बोलते हुए महंत सूरज दास महाराज ने कहा सतगुरु का ज्ञान विशाल सूर्य के सामान प्रकाशमान होता है जिसकी ज्ञान रूपी किरण भक्तों के भाग्य का उदय कर देती है

इस अवसर पर बोलते हुए महंत बिहारी शरण दास महाराज ने कहा जिसके मन में राम का वास होता है और गुरु चरणों की रज जिसे प्राप्त होती है उसका सदैव कल्याण होता है राम नाम किसी भी स्वरूप में लिया जाये वह सदैव कल्याणकारी होता है स्वामी अंकित शरण महाराज ने कहा गुरु के वचन कभी मिथ्या नहीं जाते मतंग ऋषि ने अपनी शिष्या साध्वी माता साबरी से कहा था एक दिन इस कुटिया में भगवान राम का पदार्पण होगा उनकी बात को सुनकर माता शबरी ने सैकड़ो वर्षों तक वन के बीच में कुटिया में रहकर भगवान राम के लियें रोजाना फूलों से मार्ग सजाये और भगवान राम की प्रतिदिन प्रतीक्षा की लोग उनका उपहास उड़ाते थे किंतु उन्होंने कभी अपने सबर की सीमा नहीं तोड़ी और उसी सबर ने उन्हें एक दिन भगवान राम के पावन दर्शन कराये सतगुरु के श्री मुख से निकलने वाला एक-एक वचन सत्य होता है सतगुरु के बतायें मार्ग पर चलने वाले का कभी अहित हो ही नहीं सकता है।

इस अवसर पर बोलते हुए कैबिनेट मंत्री  सौरभ बहुगुणा ने कहा अगर धर्म संस्कृति और सत्य की झलक देखनी है तो हमारे धर्म गुरुओं के डेरो में आईये जहां सतगुरुवो का पावन मार्गदर्शन एवं सानिध्य हमारे जीवन का कायाकल्प कर देता है सतगुरु के दिव्य वचन परम कल्याणकारी होते हैं जो हमारे जीवन को दिशा प्रदान करते हैं महंत रवि देव महाराज ने कहा सतगुरु इस पृथ्वी लोक पर गंगा की पावन धारा के समान परम कल्याणकारी होते हैं जिनके मार्गदर्शन से हमें जीवन को सफल करने की युक्ति मिल जाती है।

इस अवसर पर  ललित शास्त्री ने कहा गुरु का मार्गदर्शन जीवन को सार्थक कर देता है श्री दुष्यंत शर्मा ने कहा वे लोग बड़े ही भाग्यशाली होते हैं जिन्हें गुरु चरणों की संगत करने का अवसर मिलता है इस अवसर पर महामंडलेश्वर 1008 परम पूज्य श्री भगवत स्वरूप महाराज महामंडलेश्वर श्री शिवानंद महाराज कांग्रेस के प्रांतीय उपाध्यक्ष  सूर्यकांत धस्माना महंत भरत मुनि महाराज महंत हरिहरानन्द महाराज महामंडलेश्वर ललितानन्द महाराज महंत रवि देव महाराज महंत दिनेश दास महाराज महंत प्रेमानन्द महाराज महंत मोहन सिंह महाराज महंत गंगादास पटवारी महाराज महंत शुभम गिरी महाराज महंत तीरथ सिंह महाराज महंत सूर्य मुनि महाराज महंत कमलेशानन्द महाराज महंत मस्त गिरी महाराज महंत सूरज दास महाराज महंत योगेंद्रानन्द शास्त्री महंत कैलाशानन्द महाराज महंत कालिदास महाराज महंत थानापति कौशल गिरी महाराज महंत सुतीक्ष्ण मुनि महाराज सहित भारी संख्या में संत महापुरुष तथा भक्तगण उपस्थित थे।

इस अवसर पर महंत श्री शिवराम दास जी हिमाचल से महंत श्री विपुल दास महाराज गुजरात पुजारी गिरीश दास सोनू राकेश बहुगुणा हिमांशु भट्ट सच्चिदानंद मुनेश तिवाडी मेघराज सहित गुरुदेव के भारी संख्या में भक्तजनों ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

 

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