ऋषिकुल विद्यापीठ ब्रह्मचर्य संस्कृत महाविद्यालय में स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में निकली तिरंगा यात्रा
प्रधान संपादक कमल मिश्रा
हरिद्वार। ऋषिकुल विद्यापीठ ब्रह्मचर्य आश्रम संस्कृत महाविद्यालय में स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया । तिरंगा यात्रा परिसर से होते हुए रानीपुर मोड़, मालवीय चौक से वापस ऋषिकुल विद्यापीठ पहुंची।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि उत्तराखंड राज्य स्तरीय जलागम परिषद के उपाध्यक्ष (राज्य मंत्री) रमेश गडिया ने कहा कि संस्कृत सभी भाषाओं का आधार है संस्कृत पढ़ने वाले लोगों में देशभक्ति का संचार भरा रहता है इसलिए संस्कृत पढ़ने वाले विद्यार्थियों को हीन भावना से ऊपर उठकर सदा तैयार रहना चाहिए ।
उन्होंने कहा कि संस्कृत इस प्रदेश की द्वितीय राजभाषा है संस्कृत के क्षेत्र में कार्य करने की गुंजाइश बहुत अधिक है आने वाला युग संस्कृत का होगा।
राष्ट्र ध्वज के इतिहास विकास पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि स्वतंत्र देश का ध्वज उसकी पहचान होती है राष्ट्रीय ध्वज के मान सम्मान के लिए प्रत्येक भारतवासी को तैयार रहना चाहिए।
मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित संस्कृत भारती उत्तराखंड के प्रांत संगठन मंत्री गौरव शास्त्री ने कहा कि आजादी के आंदोलन को अपने निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए संस्कृत पृष्ठभूमि के छात्रों की महत्व महत्वपूर्ण योगदान रहा है उस योगदान को आज आज भी याद करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा चंद्रशेखर आजाद जैसे युवा क्रांतिकारी देश को दिशा और दिशा प्रदान करने वाले थे देश भक्ति से उ ओतप्रोत प्रसंगों से उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया।
विशिष्ट अतिथि उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा परिषद के सचिव डॉ वाजश्रवा आर्य ने कहा कि संस्कृत भाषा न केवल देवभाषा है बल्कि वैज्ञानिक भाषा होने के साथ ही कंप्यूटर के लिए उपयुक्त युक्त हो भाषा भी है संस्कृत में जैसा बोला जाता है वैसा ही लिखा जाता है और वैसा ही पढ़ा जाता है यह एक अकेली ऐसी भाषा है जो विश्व को शांति एवं सर्वोच्च मार्ग के ऊपर ले जाने के लिए प्रेरित करता है उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि तिरंगे झंडे का मान सम्मान बढ़ाने में अपनी सकारात्मक ऊर्जा का उपयोग करें। राष्ट्र है तो हम हैं इसलिए राष्ट्र को समर्पित रहने के लिए हर समय तैयार रहना चाहिए।
ऋषिकुल विद्यापीठ के प्रधानाचार्य डॉक्टर बलदेव प्रसाद चमोली ने आये हुए अतिथियों का स्वागत एवं आभार व्यक्त किया तथा विद्यापीठ के विकास के बारे में अवगत कराया। मंच का संचालन डॉ नवीन चन्द्र पन्त ने किया।
इस अवसर पर आचार्य देवी दत्त कांडपाल, चूड़ामणि परगांई,भास्कर शर्मा, महेश बहुगुणा, रमेश जोशी, श्रीमती उमा जोशी,डॉ भारती पंत, चंपा जोशी, गीता जोशी, मनोज शर्मा, प्रकाश चंद तिवारी, गीता जोशी, कुमारी ज्योति, दीपक नागर अमित शर्मा, मोहित कफल्टिया, सचिन ढौंढियाल, विकास, अंकित जोशी, अभिषेक सहित अन्य लोग मौजूद रहे।