स्वामी रामदेव व आचार्य बालकृष्ण ने योग, आयुर्वेद को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्रदान की – बी.एल. वर्मा
पतंजलि विश्वविद्यालय निरंतर उन्नति की ओर गतिमान है - धनसिंह रावत
प्रधान संपादक कमल मिश्रा
हमारा ध्येय विद्यार्थियों का शिक्षा के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक रूप से विकास करना है : आचार्य बालकृष्ण
हरिद्वार, 09 मार्च। पतंजलि विश्वविद्यालय व पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज के तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव कार्यक्रम ‘अभ्युदय वार्षिकोत्सव’ के दूसरे दिन क्रीड़ा प्रतियोगिताएँ प्रारंभ की गईं। प्रतियोगिताओं की शुरूआत पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण , माननीय केन्द्रीय राज्य सहकारिता मंत्री बी.एल. वर्मा, माननीय सहकारिता मंत्री उत्तराखण्ड धनसिंह रावत तथा सहकारिता निबंधक आलोक पाण्डे ने दीप प्रज्ज्वलन कर की। इसके पश्चात माननीय अतिथियों ने कबड्डी व रस्साकसी प्रतियोगिताओं का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर वर्मा ने कहा कि पूज्य स्वामी जी व श्रद्धेय आचार्य जी ने योग, आयुर्वेद को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्रदान करने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों में उन्हें पूरा भारत दिखाई दे रहा है। यहाँ शिक्षा के साथ-साथ योग, संस्कृति व खेलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री भी निरंतर खेलों को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं, खेलो इण्डिया, फिट इण्डिया इसी को इंगित करते हैं। आज हमारे भाई ही नहीं बहनें भी देश के लिए पदक ला रही हैं। आप सभी पतंजलि विश्वविद्यालय, अपने प्रांत व देश को आगे बढ़ाने का कार्य करें।
कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज के पुरुषार्थ से अनुप्रणित है। हमारा ध्येय विद्यार्थियों का शिक्षा के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक रूप से विकास करना है, जो खेलों से ही संभव है।
उत्तराखण्ड के माननीय सहकारिता मंत्री धनसिंह रावत ने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय निरंतर उन्नति की ओर गतिमान है। उन्होंने कहा कि सभी को आयुषमान कार्ड व आभा आई.डी. बनवाना है, इससे 5 लाख रुपए की स्वास्थ्य सेवाएँ निःशुल्क उपलब्ध हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली छात्रवृत्ति की जानकारी दी।
प्रातःकालीन सत्र में मुख्य महाप्रबंधक ब्रिगेडियर टी.सी. मल्होत्रा (से.नि.) ने कहा कि मैंने सेना में 35 वर्ष सेवा दी है जहाँ खेलों को महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। उन्होंने कहा कि खेलों का जीवन में बहुत बड़ा महत्व है, यह मात्र शारीरिक व्यायाम नहीं अपितु बहुत कुछ सिखाता है। खेलों से टीम भावना विकसित होती है।
डॉ. मयंक अग्रवाल ने कहा कि अभ्युदय कार्यक्रम में मुझे सभी प्रतिभागियों के चेहरों पर अभ्युदय दिखाई पड़ रहा है। अभ्युदय का अर्थ है लौकिक उत्कर्ष, उन्नति और निरंतर उन्नति। अर्थात् हमें विश्वविद्यालय को निरंतर उन्नति के पथ पर ले जाना है। खेल हमें शारीरिक तथा मानसिक विकास के साथ-साथ खेल भावना तथा आध्यात्कि विकास की ओर ले जाते हैं। मानसिक व्यायाम से हममे तीव्र गति से निर्णय लेने की क्षमता भी विकसित होती है।
विवि के कुलानुशासक स्वामी आर्षदेव ने कहा कि विवि के कुलपधिपति स्वामी रामदेव जी व कुलपति आचार्य बालकृष्ण जी का संकल्प है कि व्यक्ति का सर्वांगीण विकास हो, हम उसी प्रेरणा को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।
आज क्रीड़ा प्रतियोगिताओं में रस्साकसी, कबड्डी, खो-खो, बैडमिंटन, दौड़, वॉलीबॉल, बास्केट बॉल, हैण्ड बॉल, क्रिकेट व एथलेटिक्स के खिलाड़ियों ने अपना दमखम दिखाया। समाचार लिखे जाने तक सभी वर्गों में लीग मैच समाप्त हो चुके हैं तथा विजेता टीमें क्वार्टर फाइनल में पहुँच चुकी हैं। 3000 मीटर दौड़ में बी.ए. फाइनल इयर के नीरज ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
कार्यक्रम में शोभाराम प्रजापति, ब्लाक प्रमुख कविंदर चौधरी पतंजलि विश्वविद्यालय व पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज के सभी अधिकारीगण, संकायाध्यक्ष, आचार्यगण, विद्यार्थी, संन्यासी भाई व साध्वी बहनें उपस्थित रहे।