डॉ० हरिनारायण जोशी अंजान
टिहरी गढ़वाल/ कीर्तिनगर ।
जैसे कि सुवर्ण की चमक ख्याति इसके नाम से ही विदित होती है, शुद्ध पवित्र, सक्रिय, उज्जवल और सुगंधित रसमय सोन्नी। तीन भागों में प्रकृति की गोद में बसा हुआ एक सुंदर सुरम्य गांव सोन्नी जो कि ग्राम सोन्नी, पट्टी- कड़ाकोट, पोस्ट- सिल्काखाल, तहसील कीर्तिनगर, जिला- टिहरी गढ़वाल में बसा हुआ है। ऐसा नहीं है कि पलायन से गांव सोन्नी बीरन नहीं हुआ लेकिन कभी भी उजड़ा नहीं। सोन्नी के लोग जिन-जिन नगरों में आए, देश-विदेश में आए वहां सोन्नी की माटी की सुगंध को जीवंत रखा। नगरों में भी अलग-अलग संगठन, अलग-अलग समितियों के रूप में अपने पूर्वजों की गाथा और थाती को जीवंत रखा गया। अपनी जड़ों से जुड़े रहने के ललक सभी के मन में विद्यमान रही।
मेरी सोन्नी मेरी पहिचान किताब का प्रकाशन हुआ। ग्रुप बने लोग जुड़े। कुछ मूलभूत सुविधा होने और सड़क बनने के बाद लोगों ने गांव की ओर अपने कदम बढ़ा दिए। सबसे पहले गांव में धार्मिक भाव को ही विस्तार दिया गया। कुल देवता/ग्राम देवता घंडियालदेव मंदिर का जीर्णोद्वार किया गया और धूमधाम से इसे उत्सव के रूप में मनाया गया। सैकड़ों लोग इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। तदंतर गांव में भागवत कथा का सात दिवसीय एक बड़ा आयोजन किया गया जिसमें अनेक गांवों से भी बहुतायत की संख्या में जन समूह की भागीदारी रही। और और अनेक विद्वतन, सामाजिक कार्यकर्ता, राजनीति से जुड़े व्यक्तित्व और विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे प्रभावशाली लोगों ने अपनी भागीदारी का निर्वहन किया तथा धर्म ध्वज का परचम लहराया।
गांव में वैयक्तिक रूप से भी मंदिरों का जीर्णोद्धार किया गया और आस्थानुरूप नए मंदिरों का भी निर्माण हुआ। गांव में ग्राम देवता घंड़ियाल मंदिर के साथ ही साथ बिनसर देव का मंदिर भी पौराणिक है जिसका वर्तमान में जीर्णोद्धार किया गया। बिनसर देव का मंदिर भगवान शिव को अर्पण के रूप में पूजित है। आज 25 फरवरी 2024 से 28 फरवरी 2024 तक बिनसर देव का भव्य जात कार्यक्रम है। ये सारे कार्यक्रम अनन्य धर्म परायणता के प्रतीक हैं। इससे लोगों में धार्मिक भाव के साथ-साथ सामाजिक भाव और अपने गांव के प्रति आस्था का भाव भी जागृत हुआ है। इस देव पूजन कार्य में आप और हम सभी आमंत्रित और भागीदार हैं। भगवान बिनसर देव सभी पर अपनी अनुकंपा बनाए रखें।